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GST के बाद भी MRP में नहीं हुआ बदलाव, दुकानदार के साथ customer भी confuse

सरकार के गंभीर रूख पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने किया रियलिटी चेक, सामने आई हकीकत

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: जीएसटी लागू होने के बाद भी पुराने एमआरपी पर सामान बेचने को सरकार प्रतिबंधित कर चुकी है। ऐसा न करने वाले व्यापारियों और प्रतिष्ठानों से जुर्माना वसूले जाने की घोषणा कंज्यूमर अफेयर्स एंड फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रिीब्यूशन मिनिस्टर रामविलास पासवान कर चुके हैं। इस घोषणा के बाद मार्केट का सच जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने शनिवार को रियलिटी चेक किया और जाना कि एमआरपी चेंज की गई है या नहीं। सामानों पर घटे टैक्स की छूट पब्लिक को मिल रही है या नहीं।

Spot one राजापुर

रिपोर्टर राजापुर चौराहा स्थित एक जनरल मर्चेट की दुकान पर पहुंचा। यहां दुकानदार से हेयर ऑयल मांगा। 100 ग्राम के बॉटल का एमआरपी 54 रुपये प्रिंट था। दुकानदार ने उतने ही मांगे भी। हेयर ऑयल पर पहले 28 परसेंट टैक्स था। जीएसटी लागू होने के बाद 18 परसेंट टैक्स ही लगना है। यानी इसका दाम कम होना है और दुकानदार नें कोई चेंज नहीं किया। कारण पूछने पर बताया गया

हमने जिस रेट पर खरीदा है, उसके अनुसार बेच रहे हैं। नया रेट लगाना हमारा काम नहीं है। किस-किस सामान पर कितना लिस्ट चिपकाएंगे।

महेश चंद्र केसरवानी

Spot two मुट्ठीगंज

मुट्ठीगंज राजाबाड़ा हाता स्थित एक डिपार्टमेंटल स्टोर पर पियर्स साबुन का रेट एमआरपी के अनुसार 39 रुपया प्रिंट मिला। यह साबुन 28 फीसदी से घटकर 18 फीसदी टैक्स के दायरे में आ चुका है। जीएसटी के बाद रेट अधिकतम 34 रुपये ही होना चाहिए। पूछने पर जवाब मिला

हम तो एमआरपी पर बेच रहे हैं। बहुत से सामान ऐसे भी हैं, जिनके बारे में हमें पता ही नहीं कि रेट घटा है या बढ़ा। थोड़ा समय लगेगा, समझने में।

रोमिल केसवानी

Spot three मुट्ठीगंज चौराहा

राजाबाड़ा हाता से रिपोर्टर मुट्ठीगंज छोटा चौराहा स्थित होलसेल स्टोर पहुंचा। वहां एक नहीं कई सामानों की एजेंसियां चल रही थीं। स्टोर में रखे सामानों की एमआरपी चेक की तो इसमें भी कोई बदलाव नहीं दिखा। लिस्ट के बगल में कोई नयी लिस्ट भी नहीं दिखी। पूछने पर बताया गया

पुराना स्टॉक बचा है। उसे खत्म कर रहे हैं। नया प्राइज लगाना हमारा नहीं कंपनी का काम है। कंपनी जो एमआरपी लगा कर देगी उस पर बेचेंगे।

सोनू केसरवानी

Spot four हॉट स्टफ चौराहा

यहां स्थित एक डिपार्टमेंटल स्टोर पर 250 ग्राम ताजमहल चाय के पैकेट पर एमआरपी 115 रुपये प्रिंट थी। जो वैट और एक्साईज के साथ 7 से 8 परसेंट टैक्स पे कर लाई गई होगी। जीएसटी के बाद चाय पत्ती 5 परसेंट टैक्स दायरे में आ गई है। पुराने रेट पर ही क्यों बेच रहे हैं? जवाब मिला

नया स्टॉक नहीं आया है। पुराने स्टॉक को उसी एमआरपी पर बेचा जा रहा है। पुराना माल निकले तो नए के बारे में सोचें। नए माल की डिलीवरी भी बंद है। रेट को कम करना या प्राइस लिस्ट लगाना हमारा काम नहीं है।

पियूष बंसल

बॉक्स

जरूर लिखें नई एमआरपी

सेंट्रल गवर्नमेंट का आदेश है कि जीएसटी से जिन वस्तुओं का दाम बढ़ा है, उसकी नई एमआरपी लिखें। जिन वस्तुओं का दाम जीएसटी के कारण घटा है, उसकी भी नई एमआरपी लिखना अनिवार्य है।

जीएसटी लागू तो हो गया है, लेकिन ये सच है कि दुकानों में अभी भी पुराने रेट पर ही सामान बेचा जा रहा है।

सोहित मिश्रा

जीएसटी एक जुलाई से लागू हो गया है, लेकिन मार्केट में सामानों के रेट में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है।

रिपुसूदन

लोगों को इस रेट अपडेट की जानकारी ही नहीं है। इसीलिए पुराने एमआरपी पर सामान ले रहे हैं।

मीतू

लोगों में अवेयरनेस नहीं है। जीएसटी लॉ के न्यू रेट के बारे में। लोगों को इसका विरोध करना चाहिए।

अमर वर्मा

पुराने दाम पर ही सामान मिल रहे हैं, नया कोई भी अपडेट नहीं हुआ है, इस पर सख्ती होनी चाहिए।

नीरा त्रिपाठी

दुकानदार पुराने दाम पर सामान बेच रहे हैं। लोगों को जागरुक होने की आवश्यकता है।

शत्रु दमन सिंह