RANCHI: शहर में मेकेनाइज्ड तरीके से साफ-सफाई करने का काम एमएसडब्ल्यू को दिया गया है। लेकिन छह महीने बाद भी केवल चार मिनी ट्रांसफर स्टेशनों का ही निर्माण हो पाया है। जबकि पूरे शहर में क्7 मिनी ट्रांसफर स्टेशन बनने हैं। यानी पूरी सिटी को कवर करने में साल भर का समय भी कम पड़ने वाला है। इतना ही नहीं, जो चार मिनी ट्रांसफर स्टेशन बने हैं उनमें भी कांटाटोली का काम अब तक अधूरा है।

पेमेंट की समस्या शुरू

शहर में आधे मिनी ट्रांसफर स्टेशनों से भी काम अब तक शुरू नहीं हुआ है और स्टाफ्स को पेमेंट की समस्या शुरू हो गई है। कई महीने की देरी से स्टाफ्स को पेमेंट मिलने के कारण परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है। जबकि रनिंग चार स्टेशनों में अभी फ्00 स्टाफ काम कर रहे हैं। ऐसे में जब सभी स्टेशनों से काम शुरू होगा, तो पेमेंट की समस्या और बढ़ेगी।

कांटाटोली मिनी ट्रांसफर स्टेशन अधूरा

खादगढ़ा बस स्टैंड स्थित कांटाटोली मिनी ट्रांसफर स्टेशन से काम तो शुरू हो चुका है। वार्डो से डोर टू डोर कलेक्शन का काम भी होने लगा है, लेकिन अब तक इस स्टेशन को पूरी तरह से तैयार नहीं किया जा सका है। न तो इस स्टेशन की बाउंड्री कराई गई है और न ही गाडि़यों की पार्किग की कोई व्यवस्था है। ऐसे में कचरा कलेक्ट करने वाली गाडि़यां सड़कों पर ही खड़ी रहती हैं।

नागाबाबा खटाल के पास भी काम लटका

हरमू स्टेशन के साथ ही नागा बाबा खटाल का भी काम शुरू कराया गया था। हरमू स्टेशन से तो काम चालू हो गया लेकिन नागाबाबा खटाल का काम अटक गया। पेमेंट की देरी के कारण अब तक स्टेशन को पूरी तरह से तैयार नहीं किया जा सका है।

अधिकतर वार्डो में पुरानी व्यवस्था

कुछ वार्डो को छोड़ दिया जाए, तो अधिकतर वार्डो में अब भी पुरानी व्यवस्था के तहत ही सफाई का काम चल रहा है। इसमें घरों से जाकर कचरा कलेक्ट करने का काम स्टाफ्स करते हैं। वहीं सड़कों के किनारे अब भी कचरे के बड़े-बड़े डस्टबीन देखे जा सकते हैं।