आई एक्सक्लूसिव

स्लग: सूबे में 5000 छोटी-बड़ी कंपनियां, रिपोर्ट सिर्फ 12 ने दी

-कहां खर्च हुई राशि, यह सरकार को भी मालूम नहीं

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RANCHI (22 Jan): कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी(सीएसआर) के तहत कंपनियों को अपने प्रॉफि ट का कम से कम दो परसेंट खर्च सामाजिक कार्यो पर करना है। लेकिन, झारखंड में सीएसआर के नाम पर कंपनियां अपना पाप छुपा रही हैं। राज्य में 5000 से अधिक छोटी-बड़ी कंपनियां काम कर रही हैं, लेकिन ये कंपनियां सीएसआर के तहत जो खर्च कर रही हैं, उसकी जानकारी सरकार को नहीं दे रही हैं। गौरतलब हो कि उद्योग विभाग में सीएसआर काउंसिल का गठन किया गया है, जिसका निर्देश है कि सभी कंपनियों को हर साल अपने सीएसआर के खर्च का ब्योरा रिपोर्ट सहित प्रस्तुत करनी है। लेकिन, 2016-17 मई में मात्र 12 कंपनियों ने ही अपनी रिपोर्ट उद्योग विभाग को सौंपी है। यह डाटा उद्योग विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।

एक साल से काउंसिल की बैठक नहीं

सीएसआर को लेकर जितनी उदासीन कंपनियां हैं, उससे कम राज्य सरकार भी नहीं है। उद्योग विभाग में सीएसआर फं ड को मॉनिटर करने के लिए सीएसआर काउंसिल का गठन तो कर दिया है, लेकिन अक्टूबर 2016 के बाद सीएसआर काउंसिल की बैठक नहीं हुई है। इससे पता चलता है कि सरकार इसको लेकर कितनी गंभीर है। वहीं, उद्योग विभाग के इस उदासीन रवैया का फ ायदा कंपनियां उठा रही हैं। कुछ कंपनियां रिपोर्ट तो दी हैं, लेकिन उसमें कितनी सच्चाई है इसकी जांच भी विभाग द्वारा नहीं की जाती है।

जिला सीएसआर भी सिर्फ नाम का

जिला लेबल पर भी डिस्ट्रिक्ट सीएसआर काउंसिल का गठन किया गया है, जिसके अध्यक्ष जिले के डीसी होते हैं। इस काउंसिल का उद्देश्य है कि उनके जिले में जो कंपनियां कार्य कर रही हैं वो सीएसआर के तहत कितना पैसा खर्च कर रही हैं और किस कार्य क्षेत्र में खर्च कर रही हैं इसकी मॉनिटरिंग करनी है। लेकिन मुश्किल से साल में एक भी बैठक इस काउंसिल की नहीं हो पाती है। वहीं, कंपनियां सीएसआर रिपोर्ट जिला में भी गठित काउंसिल को नहीं दे रही हैं।

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कहां खर्च हो रहा, कोई नहीं जानता

कंपनियां सीएसआर मद में कितना पैसा खर्च कर रही हैं और कहां कर रही हैं, इसकी जानकारी सरकार को भी नहीं है। कंपनियां अपने मनमुताबिक काम कर रही हैं। सरकार के पास कोई भी मैकेनिज्म नहीं है, जो कंपनियों के सीएसआर खर्च पर नजर रख सके। सरकार के पास कोई ऐसा सिस्टम भी नहीं है जो कंपनियों की रिपोर्ट का सही तरीके से मूल्यांकन कर सके। कंपनियां मनमर्जी की रिपोर्ट सरकार को सौंप रही हैं, क्योंकि उन्हें भी पता है इस रिपोर्ट को सिर्फ डॉक्यूमेंट बना कर रखा जा रहा है। क्रॉस वेरिफि केशन नहीं होना है।

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सिर्फ 12 कंपनियों ने दी रिपोर्ट

सीएसआर रिपोर्ट देने वाली कंपनियों में आधुनिक, बोकारो स्टील, डालमिया सीमेंट, एस्सार पावर, हिंडाल्को माइंस, हिंडाल्को मुरी, जिंदल स्टील, पावर ग्रिड, सेल, उषा मार्टिन, मेकॉन व यूसीआईएल शामिल हैं

वर्जन

सीएसआर काउंसिल की बैठक जल्द होने वाली है। कंपनियों ने सीएसआर की रिपोर्ट भी जमा कर दी है। हमलोग उसे देख रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा कंपनियां रिपोर्ट जमा करें।

-के रवि कुमार, निदेशक, उद्योग विभाग, झारखंड