सीएनजी में हो सकती है कन्वर्ट- सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने इन कारों को 30 अप्रैल तक सीएनजी कारों में कन्वर्ट करने की समयसीमा तय की थी। जिसे बढ़ाने का अनुरोध टाल दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई 9 मई तक स्थगित कर दी है। तब तक 2000 सीसी से ऊपर के वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर बैन जारी रहेगा। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार को भी प्रदूषण के खतरों के लिए गंभीर न होने पर भी फटकार लगाई और कहा सरकार कोर्ट के आदेश के बाद ही गहरी नींद से जागी है।,

डीजल कारों को सीएनजी में बदलने की नहीं है तकनीकी

सुनवाई के दौरान ऑपरेटरों ने कोर्ट से कहा कि ऐसी कोई तकनीक मौजूद नहीं है जो डीजल कारों को सीएनजी में बदल दे। कोर्ट ने टैक्सी ऑपरेटर से कहा कि पहले ही समय सीमा बढ़ाई गई है। आपको अब तक विकल्पों के बारे में सोच लेना चाहिए था। ऑल इंडिया परमिट वाली कैब को CNG में कन्वर्ट होने के कोर्ट के इस आदेश से छूट मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में डीजल कारों के रजिस्ट्रेशन से बैन हटा लिया है।

दिल्ली जल बोर्ड चला सकता है डीजल के टैंकर

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को 2000 CC या इससे ज्यादा के 190 डीजल वाहनों पर ग्रीन सेस लगाकर खरीदने की अनुमति दी है। कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड DJB को डीजल से चलने वाले पानी के टैंकरों को खरीदने की अनुमति दी। इन्हें ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के पास दर्ज कराना होगा। DJB को ग्रीन सेस से छूट मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को डीजल कारों से हो रहे प्रदूषण पर सुनवाई टालने का केंद्र सरकार का आग्रह ठुकरा दिया था। इसमें मर्सेडीज, टोयोटा, महिंद्रा और जनरल मोटर्स जैसी बड़ी ऑटोमोबिल कंपनियों का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र NCR में 2000 CC और इससे अधिक की इंजन क्षमता वाली बड़ी डीजल कारों के पंजीकरण की अनुमति का अनुरोध शामिल है।

डीजल वाहनों के पंजीकरण पर लगी थी रोक

सुप्रीम कोर्ट इस दौरान डीजल कारों की खरीद के दौरान ग्रीन सेस की सीमा भी तय करने जा रहा है। 2000 CC तथा इससे अधिक की इंजन क्षमता वाले डीजल वाहनों के पंजीकरण पर पाबंदी वाला अंतरिम आदेश 30 अप्रैल तक लागू है। सलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने शनिवार को किसी भी विधि अधिकारी के मौजूद न होने के आधार पर सुनवाई टालने का आग्रह किया था। विधि अधिकारी ओडिशा के कटक में एक सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं। इस पर प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने नाखुशी जताई।

पीठ ने सुनवाई टालने से किया इंकार

पीठ ने इस मामले को किसी और शनिवार को सुनवाई के लिए स्थगित करने से इनकार करते हुए कहा हमने गैरकामकाजी दिवस पर सुनवाई तय की और सभी पक्ष सहमत थे। हम इस पर शनिवार को विचार करेंगे। शनिवार को यहां किसी भी विधि अधिकारी से उपस्थित होने के लिए कहिए। पीठ ने सलिसिटर जनरल से कहा कि अदालत कक्ष में मौजूद अतिरिक्त सलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह से शनिवार को उपस्थित होने के लिए कहिए। वाहन उद्योग संगठन सियाम ने कहा कि बड़ी डीजल कारों तथा SUV को NCR में प्रतिबंधित किए जाने से प्रदूषण में कमी लाने को लेकर इच्छित परिणाम नहीं निकलेगा

5094 मिलियन का हुआ इस सेक्टर में एफडीआई निवेश

भारी उद्योग मंत्रालय के सुनवाई के दौरान बड़ी डीजल कारों और SUV की बिक्री पर बैन का विरोध करने की उम्मीद है। मंत्रालय कोर्ट से कह सकता है कि 'मेक इन इंडिया' अभियान के बाद इस सेक्टर में करीब 5,094 मिलियन डॉलर की एफडीआई आई है। इससे देश में कुल एक्साइज ड्यूटी का 18 फीसदी कलेक्ट हुआ है। इस इंडस्ट्री से करीब 3 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है और इसमें करीब 1.43 लाख करोड़ रुपये का निवेश है। । इससे केवल डीजल प्रौद्योगिकी बदनाम होगी। संगठन ने यह बात सुप्रीम कोर्ट के बड़ी डीजल कारों तथा SUV को दिल्ली और NCR में बैन करने पर सुनवाई से पहले कही।

डीजल प्रौद्योगिकी होगी बदनाम

सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबिल मैनुफैक्चरर्स सियाम ने यह भी कहा कि 2,000 CC और उससे अधिक क्षमता की डीजल कारों तथा SUV पर प्रतिबंध लगाने को लेकर उत्पन्न अनिश्चितता के कारण कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने भारत में इस मामले में स्थिति साफ होने तक आगे और निवेश रोकने का फैसला किया है। सियाम ने एक बयान में कहा था डीजल वाहनों पर प्रतिबंध से प्रदूषण घटाने को लेकर इच्छित परिणाम नहीं निकलेगा लेकिन डीजल प्रौद्योगिकी जरूर बदनाम होगी। इसमें 15 साल में बड़े बदलाव आए हैं और आज काफी स्वच्छ के साथ ऊर्जा दक्ष भी है।

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