- रावतपुर गांव से 10 बच्चों को बाल रोग अस्पताल के स्पेशल वार्ड में भर्ती कराया गया

- बाबूपुरवा के बाद रावतपुर गांव में संक्रामक बीमारी से मौतें होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग का ढीला रवैया

- डेंगू मलेरिया का सीजन होने के बाद अभी तक शुरू नहीं हुई फॉगिंग

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KANPUR: बाबूपुरवा के बाद अब रावतपुर गांव में भी संक्रामक बीमारियों और गंदगी की वजह से बच्चों की जान चली गई है, लेकिन मासूमों की जान जाने के बाद भी भी स्वास्थ्य विभाग जागने को तैयार नहीं है। न तो उन एरियॉज में सफाई कराई गई और ना ही संक्रमित बच्चों के इलाज की समुचित व्यवस्था की गई। नतीजा मंगलवार को रावतपुर गंाव से 10 बच्चों को बाल रोग अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। डॉक्टर्स के मुताबिक सभी बच्चों के गले में इंफेक्शन है, लेकिन अभी डिप्थीरिया के लक्षण नहीं मिले हैं।

मेडिकल टीम करती है खानापूरी

सोमवार को रावतपुर गांव में गले के इंफेक्शन के बाद दो चचेरी बहनों की मौत के बाद शाम को सीएमओ के आदेश पर मेडिकल टीम को भेजा गया था। इससे पहले बाबूपुरवा ओैर रत्तूपुरवा में भी मेडिकल टीम ने जाकर दो से तीन दिन बाद लोगों को दवाएं बांटने और स्लाइड्स बनाने का दावा किया था, लेकिन उन स्लाइड्स की रिपोर्ट में क्या निकला? यह अभी तक पता नहीं है। संक्रमण ग्रस्त इलाकों में साफ सफाई व फॉगिंग का कोई इंतजाम नहीं किया गया।

मौतों का इंतजार कर रहा मलेिरया विभाग

शहर में संक्रामक बीमारियों डेंगू, मलेरिया की रोकथाम के लिए मलेरिया विभाग है। जिसका काम है कि जहां पर बीमारियां फैले, वहां पर फॉगिंग कराने के अलावा दवा का वितरण करना है। इसके लिए लाखों का बजट भी मिलता है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के साथ जुड़ा यह विभाग लापता सरकारी विभागों की श्रेणी में आता है। अब जब कि डेंगू मलेरिया का सीजन शुरु होने को है और शहर में जगह-जगह बीमारियां फैल रही हैं तब भी मलेरिया विभाग ने कहीं भी फॉगिंग शुरू नहीं की।

मलेरिया विभाग एक नजर में

ग्वालटोली में एक खंडहर भवन से चल रहे मलेरिया विभाग में शहर और देहात दोनों के जिला मलेरिया अधिकारी बैठते हैं। इस विभाग में दो क्लर्क और दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी हैं। जिला मलेरिया अधिकारी एके यादव हैं। इस विभाग का सालाना 20 लाख के करीब बजट भी है, लेकिन बाबूपुरवा हो या फिर रावतपुर गांव इनकी टीम कहीं दिखाई नहीं पड़ती है।

रावतपुर गांव में अज्ञात बीमारी से दर्जनों बच्चों की हालत गंभीर

रावतपुर गांव में फैली अज्ञात बीमारी की वजह से मंगलवार को 10 बच्चों को बाल रोग अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। दूसरे बच्चों में संक्रमण न फैले इसके लिए इन सभी बच्चों को एक अलग वार्ड में रखा गया है। इसके अलावा इलाके में दर्जनों ऐसे बच्चे हैं, जो या तो क्षेत्र के नीम हकीमों को दिखा रहे हैं या फिर प्राइवेट हॉस्पिटल्स में भर्ती हैं। बालरोग अस्पताल में पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के एचओडी डॉक्टर यशवंत राव ने बताया कि इन सभी बच्चों के गले में इंफेक्शन और सूजन की शिकायत है। अभी तो मामला किसी तरह के बैक्टीरियल इंफेक्शन का लग रहा है। डिप्थीरिया बीमारी के लक्षण नहीं दिख रहे हैं।

यह बच्चे हुए भर्ती

सैफी (13), अरशद((7), जिया(क्0), अलशिफा(9), फिजा(ब्), मुजाहिद(ब्), शिफा(7), अलीशा(भ्), खुर्शीदा(9), मुस्कान(8)

रावतपुर गांव में अभी तक बच्चों की बीमारी का पता नहीं चला है। सुबह टीम को वहंा भेजा गया था। जिसके बाद क्0 बच्चों को बाल रोग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अभी इन बच्चों में गले के इंफेक्शन की शिकायत हैं। इनकी कल्चर सेंसिटिविटी जांच कराई गई हैं। इसके अलावा जहां भी मलेरिया विभाग फॉगिंग का काम नहीं करता जहां भी डेंगू, मलेरिया जैसे केसेज मिलते हैं वहां पर दवा वितरित करने जैसे काम करता है।

- डॉ। आरपी यादव, सीएमओ कानपुर नगर