--आई एक्सक्लूसिव--

स्लग: आईटी डिपार्टमेंट के पास साल भर बाद भी नहीं है कोई डाटा

-अब तक इंप्लीमेंट प्रॉसेस तक तैयार नहीं

mayank.rajput@inext.co.in

RANCHI (25 Sep):युवा जॉब सीकर नहीं, जॉब क्रिएटर बनें। युवाओं को खुद का स्टार्ट-अप शुरू करने के लिए सरकार हर तरह की मदद की घोषणा कर रही है। लेकिन, सच्चाई कुछ और ही है। झारखंड में एक भी स्टार्ट-अप को सरकार की ओर से मदद नहीं मिली है। सरकार के पास यह भी डाटा नहीं है कि कितने नए स्टार्ट-अप ने सरकार से मदद के लिए आवेदन दिया है। आईटी विभाग झारखंड सरकार द्वारा स्टार्ट-अप पॉलिसी अक्टूबर ख्0क्म् में ही लागू किया गया है, लेकिन एक साल बाद भी इसको पूरी तरह से इंप्लीमेंट नहीं किया जा सका है। स्टार्ट-अप का आइडिया लेकर युवा घूम रहे हैं, लेकिन उनको ना तो कोई जानकारी मिल पा रही है, ना ही कोई मदद।

इम्पलीमेंट प्रॉसेस तक तैयार नहीं

पॉलिसी एक साल पहले लागू कर दी गई है। लेकिन इसका इम्पलीमेंटेशन कैसे किया जाएगा, इसका फार्मेट तक आईटी डिपार्टमेंट द्वारा तैयार नहीं किया जा सका है। विभाग के अधिकारियों की मानें, तो पिछले महीने अगस्त में जब जमशेदपुर में मुख्यमंत्री ने कम्पनियों को जमीन दी थी तब स्टार्ट-अप को सुविधा देने के लिए इम्पलीमेंटेशन मैकेनिज्म डेवलप करने का आदेश अधिकारियों को दिया था। उसके बाद से अधिकारी इसके इम्पलीमेंटेशन प्रॉसेस को तैयार करने में जुटे हैं।

एक भी अावेदन नहीं

विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने पॉलिसी बना दी है। हर जगह चर्चा की जा रही है है कि स्टार्ट-अप को सरकार मदद करेगी। उन्हें पैसे से लेकर हर सुविधा दी जाएगी। लेकिन कैसे दी जाएगी। किसको दी जाएगी और कितनी दी जाएगी, यही तय नहीं है। इसलिए विभाग के पास स्टार्ट-अप के लिए कोई आवेदन भी नहीं दे रहा है। सरकार के पास भी कोई डाटा नहीं है कि कितने आवेदन आए हैं।

सरकार को करनी है मदद

स्टार्ट-अप योजना को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने पॉलिसी बनाई है। इसके तहत नए स्टार्ट-अप को सरकार शुरू से लेकर हर तरह की मदद करेगी। वित्तीय मदद के साथ-साथ टैक्स में छूट का लाभ भी देने का वादा कर रही है। साथ ही कई ऐसे बिजनेस आइडिया भी हैं, जिसपर सरकार उनको कम दर पर लोन भी देगी। कुछ बिजनेस आइडिया के लिए सरकार भ्भ् फीसदी तक मदद मुहैया कराती है। इस योजना के तहत स्टार्ट-अप को दस लाख रुपए से लेकर एक करोड़ रुपए तक की मदद मिल रही है। इसमें एससी, एसटी व महिलाओं को विशेष लाभ्ा देना है।

ख्भ्00 स्टार्टअप को करनी है मदद

झारखंड स्टार्टअप पॉलिसी ख्0क्म् की घोषणा राज्य सरकार ने अक्टूबर में ही कर दी है। पॉलिसी में कहा गया है कि नए विचारों के साथ नए अविष्कारों, इनोवेशन के लिए राज्य में प्रभावी वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा। इसके तहत एक हजार सीधा स्टार्टअप तथा क्भ्00 वर्चुअली स्टार्टअप पर काम किया जाएगा। साथ ही एक लाख वर्ग फ ट में स्टार्टअप के तहत इंक्यूवेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। पॉलिसी में कहा गया है कि राज्य के क्0 प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों को इंक्यूवेशन सेंटर खोलने के लिए भ्0-भ्0 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा। यह राशि प्रत्येक शिक्षण संस्थान को पांच वर्ष तक मिलेगी। इनोवेशन एवं इंक्यूवेशन सेंटर में इंटरनेट, रोबोटिक, स्वास्थ्य रख-रखाव तकनीकी, जीवन साइंस, गैर परंपरागत ऊर्जा स्त्रोत, इलेक्ट्रानिक्स सामग्री, कृषि एवं खाद्य, शिक्षा, सामाजिक मुद्दों, ग्रामीण पर्यटन और पेयजल तथा स्वच्छता के क्षेत्र में नए विचार और नए अन्वेषणों पर काम किया जाएगा। इन क्षेत्रों में काम करने के लिए चयनित एकल अथवा समूह तीन को पांच -पांच हजार रुपए प्रतिमाह वृत्ति भी दी जाएगी, महिला एवं दिव्यांग शोध कर्ताओं को अलग से ख्000 रुपये दिए जाएंगे। यह राशि एक साल तक मिलेगी।

ख्भ्0 करोड़ का स्टार्टअप फंड

स्टार्ट अप प्रोग्राम के लिए झारखंड सरकार पहले वर्ष के लिए भ्0 करोड़ रुपए के कोष के साथ विभिन्न चरणों में अगले पांच वषरें के दौरान ख्भ्0 करोड़ रुपए का कोष तैयार करने की बात कह चुकी है। इनोवेशन एंड इक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए क्0 करोड़ रुपए के कॉपर्स फं ड के साथ इनोवेशन एंड इक्यूबेशन सेंटर लगाने की बात कही है। आईआईएम अहमदाबाद के सहयोग से झारखंड सरकार इनोवेशन लैब स्थापित करने की तैयारी कर रही है।