- काले कानून की वजह से नहीं हो रहा प्रोडक्शन
- सुरक्षा और कनेक्टीविटी सबसे बड़ी समस्या
सोना कितना सोणा है
Meerut: हर वर्ष अक्षय तृतीया से एक माह पहले ही ज्वैलर्स के चेहरे पर चमक आने लगती थी, लेकिन इस बार सरकार द्वारा लगाए गए एक्साइज ड्यूटी की वजह से ज्वैलर्स अपने-अपने प्रतिष्ठानों पर खाली बैठा है। एक्साइज की वजह से ज्वैलर्स सोने के नए आभूषणों का उत्पादन नहीं कर पा रहा है, जिसके चलते अक्षय तृतीया पूरी तरह से फीकी जाने की उम्मीद है। साथ ही मेरठ सोने का इतना बड़ा हब होने के बावजूद आज भी बेहतर कनेक्टीविटी न होने की समस्या से जूझ रहा है।
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समस्याओं की भरमार
कहने को तो मेरठ सर्राफा बाजार अपने हुनर के लिए देश भर में विख्यात है, लेकिन सर्राफा कारोबारियों को कारोबार करने में समस्याएं यहां भी बहुत हैं।
सुरक्षा
- मेरठ में इतनी सुरक्षा नहीं मिलती जितनी सोने के काम में होनी चाहिए
- अन्य शहरों के कारोबारी यहां से ज्वैलरी खरीदकर ले जाने में अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करते
- किसी सर्राफा बाजार में पुलिस चौकी नहीं है
कनेक्टीविटी
-मेरठ में हवाई अड्डा नहीं है
-रेल मार्ग पर भी बड़े शहरों में जाने के लिए ट्रेनों की संख्या काफी कम है
-बस मार्ग सोने के कारोबार के लिए मुफीद नहीं होता
-खराब कनेक्टीविटी के चलते घट रही सोने की आवक
बिजली
-पर्याप्त बिजली न मिलने से मशीनें नहीं चल पाती
-बिजली कटौती के कारण कारीगर पूरे समय कारखाने में काम नहीं कर पाते
- जिसके चलते मार्केट में सभी डिजाइन उपलब्ध नहीं हो पाते
सरकार के प्रति रूख
एक्साइज को लेकर व्यापारी केंद्र सरकार के खिलाफ बेहद गुस्से में हैं। इन नियमों अगर फॉलो किया तो व्यापार नहीं चलेगा।
परेशानियां ऐसी भी
हर महीने भरना होगा रिटर्न
-जितने आइटम बेचे जाएंगे उनका रिकॉर्ड न्यूनतम छह साल तक व्यापारी को रखना होगा।
- नए एक्ट के तहत बीआईएस हॉलमार्क सेंटर पर हर व्यापारी को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। अभी सेंटर खुलने शुरू हुए हैं, ऐसे में यह दिक्कत छोटी जगह ज्यादा आएगी।
-नए एक्ट में हर माह व्यापारी को एक्साइज का रिटर्न भरना होगा, अभी तीन माह में वैट चुकाना होता था।
वेरायटी और डिस्काउंट
-अक्षय तृतीया के लिए बाजार में बहुत सारी वेरायटीज उपलब्ध हैं।
- आर्टीफिशियल ज्वैलरी पर डिस्काउंट भी उपलब्ध हैं।
सोना खरीदते समय सावधानियां
-ज्वैलरी हॉलमार्क की ही खरीदें
-ज्वैलरी खरीदने के बाद पक्का बिल जरूर लें
-सोना हमेशा जानकार से ही खरीदें
क्या है झोल
बाजार में तीन प्रकार की ज्वैलरी उपलब्ध रहती हैं
जिसमें 18 कैरट, 20 कैरट और 22 कैरट हैं। तीनों प्रकार की ज्वैलरी के अलग-अलग रेट होते हैं। कुछ ग्राहक इसी में गच्चा खा जाते हैं। सोना कारोबारी 18 कैरट की ज्वैलरी को 20 या 22 कैरट का बताकर बेच देते हैं। जबकि तीनों के रेटों में बहुत डिफरेंट होता है।
किसमें कितनी सोने की मात्रा और क्या कीमत
18 कैरट 20 कैरट 22 कैरट
75 प्रतिशत 83.3 प्रतिशत 91.6 प्रतिशत
27000 29400 32400