कूड़े से रास्ते अटे पड़े हैं आते जाते लोगों को गंदगी से गुजरना पड़ता है।

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मेरठ। वार्ड 3 के वासियों को भी बिजली की दरकार है। सड़के कच्ची हैं। कूड़े से रास्ते अटे पड़े हैं आते जाते लोगों को गंदगी से गुजरना पड़ता है। पानी के लिए भी कोई दुरुस्त व्यवस्था नहीं है। सड़कों की इंटरलॉकिंग टाइल उखड़नी शुरु हो गई है। वार्ड के निवासियों को अभी भी विकास की दरकार है। नाली और गंदगी को देखकर लगता है कि यहां कभी साफ-सफाई हुई ही नहीं। लोगों का आरोप है कि पार्षद उनकी सुनते ही नहीं हैं जबकि पार्षद का कहना है कि उन्होंने वार्ड के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण विकास कार्य करवाएं हैं।

हक और हकीकत

गंदगी

वार्ड में जगह-जगह सड़कों पर गंदगी का पसरी हुई है। आते-जाते लोगों को इस गंदगी से होकर गुजरना पड़ रहा है। शायद की कोई ऐसी जगह हो जहां इस तरह की गंदगी न फैली हो।

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बिजली

वार्ड में बिजली नहीं हैं। खबें टूटे पडे़ हुए हैं। तार जर्जर हालत में हैं। टूटे तार क्षेत्र में कभी भी किसी दुर्घटना का सबब बन सकते हैं। रात में लोगों को घर से निकलना मुश्किल है। शाम होते ही यहां अंधेरा पसर जाता है। बिजली के लिए कई बार गुहार लगाने के बाद भी यहां कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है।

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आवारा पशु

वार्ड 3 में आवारा पशु यहां के लोगों के लिए दिनों दिन मुसीबत बनते जा रहे हैं। इन पशुओं के कारण वार्ड में बीमारियां भी फैलती है जबकि कई बार ये गली-मोहल्ले मे गंदगी भी फैलाते हैं। इन पशुओं के कारण लोगों को कई बार मुश्किलों का भी सामना करना पड़ता है। यहां के लोगों को इन पशुओं से निजात चाहिए।

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कच्चा रास्ता

कच्चा रास्ता होने के कारण यहां अक्सर कीचड़ हो जाती है। इस कीचड़ में फंसकर लोग कई बार दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं जबकि बरसात में पानी लोगों के घरों में पहुंच जाता है।

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नालियों में गंदगी

वार्ड 3 में नालियों में गंदगी भरी हुई है। जलभराव की समस्या यहां बहुत सामान्य है। कूड़े के ढेर नालियों में पानी को ब्लाक कर देते हैं जिसकी वजह से नालियों में सिल्ट जमा हो जाती है और मच्छर पनपते हैं। यहां गंदगी देखकर ऐसा लगता है कि नालियों की कभी सफाई नहीं होती।

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साफ-सफाई

नालियों की तरह नालों में भी कूडे़ के ढेर जमे हुए हैं। इन नालों की काफी समय से कोई सफाई नहीं हुई है। लोगों का कहना कि कोई सुनता नहीं है, कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। साफ-सफाई के लिए भी कोई सफाई कर्मचारी नहीं है।

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पब्लिक डिमांड

- सफाई रोज हो

- पक्की सड़क

- बिजली हो

- स्ट्रीट लाइट

- गलियों और सड़कों का निर्माण

-नालियों की सफाई

-आवारा पशुओं से निजात

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पार्षद जी जवाब दो

सवाल- आपने पांच साल में कितना विकास कार्य किया।

जवाब - जसवंत नगर में एक करोड़ रुपये बजट का काम करवाया। कच्चे रास्तों पर इंटरलॉकिंग करवाई गई। 15-15 लाख की लागत से तीन श्मशान में काम कराए । जसवंत नगर से गांवडी चौक और गांवडी चौक से पुट्ठा रोड़ तक इंटरलॉकिंग करवाई गई।

सवाल- वार्ड में साफ-सफाई नहीं है

जवाब- साफ-सफाई नहीं है। प्रशासन को कई बार कहा गया लेकिन कई-कई महीनों तक सफाई नहीं होती।

सवाल- बिजली नहीं है

जवाब- हमने 6 ट्रांसफार्मर लगवाएं हैं। तारों की हालत ठीक नहीं है। हम इसके लिए कोशिश कर रहे हैं।

सवाल- पानी की व्यवस्था नहीं है।

जवाब- पानी के लिए टयूबवेल है। कई बार मोटर फूंक जाती है तो पानी की किल्लत हो जाती है।

वार्ड बोलता है।

यहां गंदगी की समस्या सबसे ज्यादा जटिल है। सफाई होती ही नहीं है। गंदगी में रहने के लिए मजबूर है। कई बार पार्षद को कह चुके हैं, प्रशासन को भी कहा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।

अशोक

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पानी की कोई प्रॉपर व्यवस्था नहीं है। ट्यूबवैल से पानी भरना पड़ता है। रेग्यूलर पानी आना चाहिए। सरकारी पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है। पीने के पानी के लिए किल्लत का सामना करना पड़ता है।

अंजू

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कई रास्ते कच्च्चे हैं। इंटरलॉकिंग भी नहीं है। सड़कों पर पानी भर जाता है। कीचड़ जमा हो जाती है। घरों में पानी भर जाता है। गंदगी के चक्कर में च्च्छर बढ़ जाते हैँ

राहुल कुमार

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नालियों की हालत देखिए। साफ-सफाई है ही नहीं। हमने कई बार शिकायत की है लेकिन कोई सुनवाई नहीं है। नालियों का पानी सड़क पर आ जाता है। घर से निकलने में परेशानी होती है।

मुन्नी

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वार्ड- 3

जनसंख्या 22000

वोटर्स= 15000

पार्षद - नरेश कुमार

एजुकेशन -आठवीं पास