शहर में पिछले डेढ़ माह से है कैश की काफी किल्लत, दो-तिहाई एटीएम में नही है पैसा

बैंकों में भी नहीं मिल रहा कैश, मांग से आधी दी जा रही रकम, इसमें भी छोटे नोट दिए जाने से दिक्कत

ALLAHABAD: शहर के तमाम एटीएम इस समय कैश नहीं दे पा रहे हैं। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब लोगों का गुस्सा भी फूटने लगा है। पिछले तीन दिन में शहर के दो एटीएम में पथराव हो चुका है। इसके बावजूद एटीएम में पैसा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। बैंकों का भी अपना रोना है, वे कैश नहीं होने का रोना रो रहे हैं।

'नो कैश'

पिछले डेढ़ माह से शहर की जनता कैश की किल्लत से जूझ रही है। खासकर सरकारी बैंकों सहित प्राइवेट बैंकों के एटीएम में भी लंबे समय से कैश की कमी बनी है। लोग एटीएम में जाकर प्रॉसेस पूरी करते हैं और अंत में नो कैश लिखकर आ जाता है। बैंक अधिकारी बताते हैं कि शहर के 75 फीसदी एटीएम में कैश की कमी है। प्राइवेट बैंकों के इक्का-दुक्का एटीएम में जरूर कैश मिल रहा है।

अब दिखने लगा है आक्रोश

एटीएम में पैसे नहीं होने की खिसियाहट अब नजर आने लगी है। लोगों ने आक्रोश दिखाना शुरू कर दिया है। पिछले कुछ दिनों में शहर के दो एटीएम पर पथराव हो चुका है। लूकरगंज के एक्सिस बैंक के एटीएम का कांच देर रात ईट मारकर तोड़ दिया गया। इसके साथ ही अल्लापुर शिवा गैस सर्विस के नजदीक स्थित यूनियन बैंक के एटीएम पर लोगों ने अपना गुस्सा उतारा। कई एटीएम की सुरक्षा में लगे गार्डो की माने तो कैश नहीं होने पर लोग नाराजगी जताते हैं। कई बार उन्हें भी पब्लिक की अभद्रता का शिकार होना पड़ता है।

आरबीआई दे रहा फुटकर

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से बैंकों को पर्याप्त कैश नहीं मिल पा रहा है। बैंकों को 20 और 50 के नोट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ये नोट एटीएम में इस्तेमाल नहीं हो सकते। यदि कोई ग्राहक दो या तीन लाख रुपए बैंक से निकालने आता है तो उसे छोटे नोट कैरी करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इलाहाबाद बैंक, पीएनबी, एसबीआई, यूनियन बैंक, सेंट्रल बैंक, बीओबी आदि बैंकों का यही हाल है।

डंप हो गए दो हजार के नोट

एक ओर कैश की किल्लत है तो दूसरी ओर मार्केट से दो हजार के नोट तेजी से गायब हो रहे हैं। बैंकों के पास भी ये नोट अब नहीं पहुंच रहे हैं। यही हाल पांच सौ रुपए के नोट का भी है। माना जा रहा है कि कैश की कमी से डरे लोगों ने बड़े नोट को डंप करना शुरू कर दिया है। लोग चाहकर भी इन नोटों को खर्च नहीं करना चाहते। इससे मार्केट में छोटी नोटों का चलन बढ़ गया है और बड़ा एमाउंट कैरी करने में दिक्कत हो रही है।

खराब हैं इलाहाबाद के हालात

सोर्सेज की माने तो कैश के मामले में इलाहाबाद के मुकाबले कानपुर और लखनऊ के हालात बेहतर हैं। वहां आरबीआई कैश उपलब्ध करा रहा है। अभी तक इन शहरों से एसबीआई, पीएनबी और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे बैंक कैश मांगकर जैसे-तैसे काम चला रहे थे। लेकिन, अब वहां से भी मना किया जा रहा है। ऐसे में आरबीआई से पर्याप्त कैश उपलब्ध कराने की मांग की जा रही है, जिसकी सुनवाई नहीं हो रही है।

आरबीआई से पैसा नहीं मिल रहा है। ग्राहकों को हैवी एमाउंट देने में दिक्कत आ रही है। यदि कोई एक लाख रुपए मांग रहा है तो उसे पचास हजार ही दिया जा रहा है। एटीएम तो लगभग खाली पड़े हैं।

अश्वनी तिवारी, अध्यक्ष, ऑफिसर्स एसोसिएशन पीएनबी व ब्रांच इंचार्ज

सरकार को जनता की समस्याओं के बारे में सोचना चाहिए। डेढ़ महीने हो गए और अभी तक कैश का अकाल है। अधिकतर एटीएम में पैसा नहीं है। छोटे नोट देने पर ग्राहक बैंक कर्मचारियों से उलझने लगते हैं।

शशिकांत श्रीवास्तव, बैंक कर्मचारी नेता

सिटी के कुछ एटीएम से कैश निकल जाए तो लगता है कि कोई अवार्ड जीत लिये हैं। कैशनोकैशडॉटकाम ऐप बताएगा कि आपके आसपास के एटीएम में पैसा है या नहीं।

मीतू

हमारा पैसा हम को ही नहीं मिल रहा है। हर जगह कार्ड मशीन लगी है, फिर भी शॉप संचालक कैश ही मांगते हैं। कार्ड से पेमेंट करने पर दो परसेंट एक्स्ट्रा देना पड़ता है।

लव वर्मा

लोगों को इससे भी ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। आज सुबह एक एटीएम से पैसा निकालने गया। खाते से पैसा कटने का मैसेज आ गया लेकिन पैसा नहीं निकला। दो घंटे तक परेशान होना पड़ा। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है?

नीरा त्रिपाठी