- आईआईटी ने 2015-16 सत्र में पांच क्युमुलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज से कम अंक लाने वाले 18 छात्रों का निष्कासन लिया वापस

- छात्रों ने मामले को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय से लगाई थी गुहार

ROORKEE: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने ख्0क्भ्-क्म् सत्र में पांच क्युमुलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज से कम अंक लाने वाले क्8 छात्रों का निष्कासन वापस ले लिया है। इसी के साथ संस्थान ने अब पांच सीजीपीए की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया है। गुरुवार देर रात तक चली आईआईटी रुड़की सीनेट की बैठक में यह फैसले लिए गए।

सीनेट की बैठक में हुआ निर्णय

सूत्रों के अनुसार छात्रों ने इस बारे में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय से गुहार लगाई थी। मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद आईआईटी प्रबंधन ने सीनेट की बैठक बुलाई। हालांकि, संस्थान के निदेशक प्रो। प्रदीप्त बनर्जी ने मंत्रालय से हस्तक्षेप से इन्कार करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से सीनेट का निर्णय है। उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। इन सभी छात्रों को बीटेक प्रथम वर्ष में ही पुन: प्रवेश दिया जाएगा। प्रो। बनर्जी ने बताया कि संस्थान ने कम से कम पांच सीजीपीए की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी है। उन्होंने बताया कि यदि किसी छात्र के कम अंक आते हैं तो उसे नियमानुसार क्रेडिट पूरे करने होंगे।

ख्ख् क्रेडिट स्कोर करने जरूरी

प्रो। बनर्जी ने बताया कि बीटेक में प्रत्येक समेस्टर में अधिकतम पांच से छह कोर्स चलाए जाते हैं और प्रत्येक कोर्स तीन से पांच क्रेडिट का होता है। ऐसे में छात्र को वर्ष में कम से कम ख्ख् क्रेडिट स्कोर करने होंगे। गौरतलब है कि निष्कासित इन क्8 छात्रों में क्7 आरक्षित श्रेणी के हैं, जबकि एक सामान्य श्रेणी का। इससे पहले सत्र ख्0क्ब्-क्भ् में भी संस्थान ने पांच सीजीपीए से कम अंक लाने वाले 7फ् छात्रों को निष्कासित कर दिया था। हालांकि, बाद में इस मामले के काफी तूल पकड़ने के कारण सीनेट ने लगभग म्क् छात्रों को पुन: दाखिला दे दिया था।