आइजीआइएमएस की क्षमता ढाई हजार बेडों की होगी

PATNA : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान को आने वाले दिनों में आधुनिक और उसकी बेडों की क्षमता में इजाफा होगा। इसे विश्वस्तरीय बनाने के साथ-साथ इस तरह उन्नत किया जाएगा कि यह अस्पताल एम्स जैसे बड़े अस्पतालों से इलाज और सुविधा के मामले में टक्कर देगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना दिल्ली एम्स की तर्ज पर की गई थी। लेकिन कुछ ही दिनों के बाद स्थिति बद से बदतर हो गई। सोमवार को आइजीआइएमएस के चौथे दीक्षांत समारोह में उन्हाेंने कहा कि संस्थान का विस्तार होगा और यह ढाई हजार बेड की क्षमता का बनेगा। यहां एमबीबीएस की सौ सीटों की जगह ढाई सौ सीट होनी चाहिए। उन्होंने 22 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल एवं 144 को उपाधि देकर समानित किया।

आइजीआइएमएस की छवि सबसे अधिक सुधरी है। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सुधार किए जा रहे हैं। पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल को विश्वस्तरीय और नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को ढाई हजार बेड का किए जाने की योजना है। आइजीआइएमएस एस के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करे।

आवश्यकता भर कमाएं

नीतीश ने छात्र एवं छात्राओं को शुाकामनाएं दीं और सेवााव को जीवन में कभी नहीं भूलने को कहा। उन्होंने कहा कि कमाना जरूरी है, लेकिन आवश्यकता भर कमाना चाहिए।

अंगे्रजों की नकल करना छोड़ें

मुख्यमंत्री दीक्षांत समारोह के परिधान को लेकर बिफर पड़े। कहा कि कब तक हम लोग अंगे्रजों की नकल करते रहेंगे। उनको भारत छोड़े सत्तर साल हो गए। हम लोग ज्ञान के मामले में उनसे काफी आगे हैं तो फिर नकल करने की आवश्यकता क्यों? हमलोगों को अपने हिसाब से परिधान का चयन करना चाहिए। नीतीश ने कांगे्रस नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि वे लोग अपने नेता की भी कद्र नहीं करते। संस्थान की स्थापना इंदिरा गांधी के नाम पर की गई, लेकिन उनकी छोटी सी मूर्ति लगाई गई। जबकि, उनलोगों का ही शासन था।