-वर्कर्स कॉलेज में पीजी पार्ट वन में सेंट्रलाइज्ड एडमिशन होने के बाद घटाई गई थीं सीटें

-सीटें कम करने के बाद स्टूडेंट्स लगातार कर रहे थे विरोध

JAMSHEDPUR : स्टूडेंट्स के लगातार विरोध के बाद आखिरकार कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) एडमिनिस्ट्रेशन ने वर्कर्स कॉलेज के पीजी पार्ट वन में एमकॉम और ज्योग्राफी में सीटें बढ़ा दी गई हैं। एमकॉम पार्ट वन में सीटों की संख्या क्ख्0 से बढ़ाकर क्भ्0 और ज्योग्राफी में म्0 से बढ़ाकर सीटों की संख्या क्ख्0 कर दी गई है। बढ़ी हुई सीटों पर एडमिशन के लिए मेरिट लिस्ट डिक्लेयर कर दी गई है और एडमिशन भी स्टार्ट हो गया है। कॉलेज खुलने के बाद बाकी बची सीटों पर एडमिशन होंगे।

लगातार हुआ था विरोध

इंफ्रास्ट्रक्चर और टीचर्स की संख्या को आधार बनाकर पीजी कॉमर्स और ज्योग्राफी में सीटें कम करने का स्टूडेंट्स लगातार विरोध कर रहे थे। यूनिवर्सिटी का कहना था कि ज्योग्राफी प्रैक्टिकल सब्जेक्ट है और उसमें टीचर्स की भी संख्या काफी कम है इसलिए सीट्स कम की गई हैं। कॉमर्स में टीचर्स की संख्या अच्छी खासी होने के बाद भी सीट्स कम किए जाने का काफी विरोध हो रहा था।

स्टूडेंट्स अभी भी ख्ाुश नहीं

वर्कर्स कॉलेज में एमकॉम और ज्योग्राफी में सीटें बढ़ाए जाने पर भी स्टूडेंट्स खुश नहीं हैं। एमकॉम में एडमिशन के लिए अप्लाई करने वाले सुमित का कहना है कि कॉमर्स में सीटों की संख्या क्ख्0 से बढ़ाकर क्भ्0 कर दी गई हैं, जो काफी नहीं हैं। ज्योत्सना ने कहा कि कॉमर्स में और सीटें बढ़नी चाहिए, क्योंकि म्भ् परसेंट मा‌र्क्स वाले स्टूडेंट्स का भी एडमिशन नहीं हो पा रहा है।

लिस्ट में नहीं है कोई गड़बड़ी

एमकॉम पार्ट वन में एडमिशन के लिए केयू के डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स द्वारा तैयार की गई मेरिट लिस्ट पर लगातार सवाल उठ रहे थे। स्टूडेंट्स का कहना था कि ज्यादा मा‌र्क्स वाले स्टूडेंट्स का एडमिशन नहीं लिया जा रहा है। ऐसी कई कंप्लेन आने के बाद वर्कर्स कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ डीपी शुक्ला चाईबासा गए और उन्होंने एमकॉम के लिए तैयार की गई लिस्ट देखी। उन्होंने आई नेक्स्ट को बताया कि लिस्ट में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं दिखी। उनका कहना था कि म्8 परसेंट मा‌र्क्स वालों तक का एडमिशन लिस्ट में नाम है, जबकि इससे कम मा‌र्क्स वाले स्टूडेंट्स का नाम लिस्ट में नहीं अाया है।

तो क्या अब प्रैक्टिकल अच्छी तरह से हो जाएगा?

कोई ऐसा डिसीजन लेना जिससे स्टूडेंट्स में नाराजगी हो। काफी समय तक हंगामा चले, क्लासेज डिस्टर्ब हों और एडमिशन पर भी प्रभाव पड़े। माहौल बिगड़ने लगे, तो डिसीजन वापस ले लिए जाएं और पहले जैसी स्थिति बहाल कर दी जाए। कुछ ऐसा ही होता है कोल्हान यूनिवर्सिटी में। वर्कर्स कॉलेज में पीजी पार्ट वन ज्योग्राफी में सीटों की संख्या क्ख्0 से कम करके म्0 किए जाने का जमकर विरोध हुआ। हमने केयू के पीजी डिपार्टमेंट ऑफ ज्योग्राफी की एचओडी सुषमा हांसदा से बात की थी। उनका कहना था कि इस सब्जेक्ट में टीचर्स की संख्या काफी कम है और प्रैक्टिकल सब्जेक्ट होने की वजह से इसमें सीट्स कम किए गए हैं। काफी विरोध के बाद इस सब्जेक्ट में पहले की ही तरह सीटों की संख्या क्ख्0 कर दी गई। ऐसे में सवाल उठता है कि सीटें कम करने की जरूरत क्या थी। और अगर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और टीचर्स भी पर्याप्त संख्या में नहीं हैं, तो क्या अब सीटें बढ़ाने के बाद स्टूडेंट्स को क्वालिटी एजुकेशन प्रोवाइड नहीं कराया जाएगा? इतने दिनों तक हंगामा और कॉलेज का माहौल खराब होने की जिम्मेवारी आखिर किसकी है?

स्टूडेंट्स की लगातार डिमांड के बाद हमने केयू में कॉमर्स और ज्योग्राफी के एचओडी से बात की। कॉमर्स में सीटों की संख्या क्ख्0 से बढ़ाकर क्भ्0 और ज्योग्राफी में म्0 से बढ़ाकर क्ख्0 कर दी गई है। एमकॉम की लिस्ट में कोई गड़बड़ी नहीं है। मैंने चाईबासा जाकर लिस्ट देखी। म्8 परसेंट मा‌र्क्स वाले स्टूडेंट्स का नाम एमकॉम की लिस्ट में है।

- डॉ डीपी शुक्ला, प्रिंसिपल वर्कर्स कॉलेज