- रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर के लिए लगाई गई थी 12 मशीनें

- शुरुआती दौर में रेलवे ने मशीनों पर तैनात किए थे आपरेटर

- बिना आपरेटर व जानकारी के अभाव में टिकट नहीं निकाल पा रहे पैसेंजर

GORAKHPUR: रेलवे जंक्शन पर पैसेंजर सुविधा के लिए लगाई गई एटीवीएम (ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीन) इन दिनों महज शोपीस बनकर रह गई हैं। फ‌र्स्ट क्लास गेट पर लगी दोनों मशीनों को पूरे दिन पैसेंजर देखते रहते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में और आपरेटर की कमी की वजह से इसका यूज नहीं कर पाते। लिहाजा पूरे दिन इन मशीनों से दो-चार टिकट भी निकल पाना फिलहाल संभव नहीं है। हालांकि रेलवे प्रशासन की ओर से इन मशीनों को पैसेंजर सुविधा के लिए लगाया गया था। ताकि टिकट काउंटर्स पर पैसेंजर्स की लंबी लाइन न लगे और पैसेंजर्स आसानी से टिकट ले सके।

जंक्शन पर है 2 एटीवीएम

2016 में पैसेंजर्स की सुविधा के लिए गोरखपुर जंक्शन पर 12 एटीवीएम मशीनें लगी हैं। ताकि पैसेंजर्स को जनरल टिकट लेने के लिए काउंटर्स पर लाइन न लगानी पड़े। इन मशीनों से टिकट लेने के लिए रेलवे की ओर से स्मार्ट कार्ड जारी किए जाते हैं। यह स्मार्ट कार्ड पूरी तरह प्रीपेड हैं। इतना ही नहीं स्मार्ट कार्ड को बढ़ावा देने के लिए इस कार्ड के जरिए टिकट निकालने पर रेलवे की ओर से 5 प्रतिशत का कैश बैक डिस्काउंट भी है। शुरुआती दौर में तो रेलवे ने इन सभी मशीनों पर आपरेटर तैनात किए थे, लेकिन कुछ दिनों बाद ही उन्हें हटा दिया गया। इस वजह से यह मशीनें सिर्फ शोपीस बनकर रह गई हैं।

एटीवीएम से कर रहे कमाई

सेकेंड क्लास गेट पर लगे पांच मशीनों पर पैसेंजर्स की अधिक भीड़ को देखते हुए कुछ लोग वहां अपनी मर्जी से आपरेटर का काम करते हैं। यह कथित आपरेटर इन मशीनों से टिकट निकालने के लिए अपने स्मार्ट कार्ड से पैसेंजर्स का टिकट निकालते हैं और रेलवे की ओर से मिलने वाले कमीशन इनके खाते में आते आ जाते हैं। एटीवीएम से टिकट निकालने के लिए स्मार्ट कार्ड की जरूरत पड़ती है, ऐसे में ये लोग पैसेंजर्स को अपने कार्ड से टिकट निकालकर देते हैं और इसके एवज में रेलवे की ओर से निर्धारित कमीशन एकाउंट में आ जाता है। रेलवे के जानकारों के मुताबिक, यहां के किसी भी एटीवीएम मशीनों पर आपरेटर तैनात नहीं हैं।

एमएसटी व प्लेटफार्म टिकट की भी है सुविधा

हालांकि इन एटीवीएम मशीनों में एक नहीं, बल्कि कई सुविधाएं हैं। इसके जरिए जनरल टिकट के अलावा डेली पैसेंजर एमएसटी भी रिन्युअल करा सकते हैं। साथ ही प्लेटफार्म टिकट भी ले सकते हैं। शुरुआती दौर में जब इन मशीनों पर आपरेटर तैनात थे तो इसका बेहतर रिस्पांस मिल रहा था।

बिना स्मार्ट कार्ड के नहीं मिलता टिकट

दरअसल इन एटीवीएम मशीनों से सुविधाएं तो तमाम हैं, लेकिन इससे टिकट निकालने के लिए स्मार्ट कार्ड का होना जरूरी है। साथ ही मशीन को आपरेट करना भी आना चाहिए। ऐसे में अधिकांश पैसेंजर ऐसे होते हैं जो कभी-कभार यात्रा करते हैं और उन्हें स्मार्ट कार्ड की कोई जरूरत नहीं होती। जो डेली पैसेंजर होते भी हैं वे ज्यादातर एमएसटी से चलते हैं।

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वर्जन- सीपीआरओ