मधुर भंडारकर के निर्देशन में बन रही इस फ़िल्म में ऐश्वर्या राय बच्चन मुख्य भूमिका निभा रही थीं। पिछले दिनों फ़िल्ममेकर रामगोपाल वर्मा ने इस बारे में सीधे-सीधे कुछ न कहते हुए हॉलीवुड में ‘नो-प्रेगनेंसी कॉन्ट्रैक्ट’ का ज़िक्र किया जिससे एक नई बहस छिड़ गई है कि क्या बॉलीवुड में भी ऐसी शर्त होनी चाहिए। यानि क्या अनुबंध में ऐसी शर्त होनी चाहिए कि हीरोइन फ़िल्म बनने के दौरान मां नहीं बन सकतीं?

गुरुवार को अपनी नई फ़िल्म ‘नॉट ए लव स्टोरी’ के फ़र्स्ट लुक के लॉन्च के अवसर पर रामगोपाल वर्मा ने इस बारे में पत्रकारों को सफ़ाई दी।

उन्होंने कहा, “मैंने ट्विटर पर सिर्फ़ इतना ही कहा था कि मुझे नहीं पसंद कि ख़ूबसूरत महिलाएं मां बने क्योंकि ख़ूबसूरत महिलाओं को सिर्फ़ ख़ूबसूरत ही रहना चाहिए। मैं दूसरी फ़िल्मों के बारे में टिप्पणी नहीं कर सकता। मैंने ‘हीरोईन’ को ध्यान में रखकर ट्वीट नहीं किया था, वो एक ‘जनरलाइज़ेशन’, बिलकुल अलग बात थी.”

लेकिन दो बच्चियों को गोद लेने वाली अभिनेत्री सुष्मिता सेन मानती हैं कि ये एक व्यक्तिगत बात है। उनका कहना था, “अगर कोई प्रोड्यूसर मेरे पास ऐसा क्लॉज़ लेकर आए तो मैं उसे बाहर का रास्ता दिखा दूंगी। मैं ये मानती हूं कि अपने काम के अलावा मैं जो भी कुछ करती हूं उससे किसी का कोई मतलब नहीं है.”

फ़िल्ममेकर विपुल शाह की भी कुछ ऐसी ही सोच है। वो कहते हैं, “मैं ऐसे किसी भी क्लॉज़ के ख़िलाफ़ हूं क्योंकि इससे काफ़ी हदतक पुरुष और महिला के बीच भेदभाव झलकता है। वैसे भी ऐसी समस्या कभी-कभी ही होती है। हर किसी की अपनी-अपनी सोच होती है लेकिन मैं कभी भी अपने कॉन्ट्रैक्ट में ऐसा कोई क्लॉज़ नहीं डालूंगा.”

वहीं ‘टशन’ के निर्देशक विजय कृष्ण आचार्य कहते हैं, “ये लोगों का व्यक्तिगत मामला है, इसे ऐसे ही छोड़ देना चाहिए। मैं तो इसे मुद्दा ही नहीं मानता। इसके बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहूंगा। हम किसी की व्यक्तिगत ज़िंदगी के बारे में बात ही कैसे कर सकते हैं.”

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