- वर्ल्ड के लांगेस्ट प्लेटफार्म से मिसगाइड हो जाते हैं टूरिस्ट्स
- टूरिज्म डिपार्टमेंट के पास प्रोफेशनल टूअर गाइड न होने से होती है प्रॉब्लम
GORAKHPUR : 'एक्सक्यूज मी सर, आई वांट टू गो टू सारनाथ। वेयर इज सारनाथ? प्लीज टेल मी.' रेलवे स्टेशन पर आने वाले पर्यटक अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचने के लिए रेलवे कर्मचारी, कुली और टैक्सी वालों से इसी तरह पूछते हुए नजर आ जाएंगे। लेकिन उन्हें कोई सही से कुछ बता नहीं पाता। न तो रेलवे, न ही टूरिज्म डिपार्टमेंट की ओर से जंक्शन पर प्रोफेशनल टुअर गाइड तक नहीं है। प्रॉपर गाइडेंस के अभाव में बेचार टूरिस्ट अक्सर रास्ता भटक जाते हैं।
जाना था सारनाथ, पहुंच गए सीवान
जब से गोरखपुर जंक्शन का प्लेटफॉर्म नंबर क्, वर्ल्ड का लांगेस्ट प्लेटफॉर्म बना है, तब से पर्यटकों संख्या में काफी इजाफा हुआ है। स्टेशन पर आने वाले लाखो टूरिस्ट्स गोरक्षनगरी होते हुए सोनौली, आजमगढ़, मऊ, देवरहा बाबा, कुशीनगर, बलिया, कपिलवस्तु, मगहर, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर और बस्ती जाने के लिए गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर आते हैं, लेकिन प्रॉपर गाइडेंस के अभाव में रास्ता भटक जाते हैं। हाल ही में गोरखपुर जंक्शन पर आए थाईलैंड के एक जत्थे को सारनाथ जाना था, लेकिन सही इंफॉर्मेशन न मिलने के कारण वह सिवान तक पहुंच गए। बाद में वह वापस गोरखपुर आए, तब जाकर दूसरी ट्रेन से वे सारनाथ गए।
भ्0 परसेंट हो जाते हैं मिसगाइड
पिछले पांच साल के आंकड़ों की बात करें तो करीब क् करोड़ ख्भ् लाख टूरिस्ट गोरखपुर आए, लेकिन तकरीबन भ्0 परसेंट को सही गाइडेंस नहीं मिला। उन्हें प्रॉपर गाइड करने वाला कोई प्रोफेशनल टूअर गाइड नहीं है। हालांकि प्रोफेशनल टूअर गाइड की तैनाती करने का जिम्मा टूरिज्म डिपार्टमेंट का है, लेकिन टूरिज्म डिपार्टमेंट खुद ही बदहाल है।
दिखता है प्रोफेशनलिज्म का अभाव
टूरिज्म डिपार्टमेंट की तरफ से रेलवे स्टेशन पर टूअर गाइड नियुक्त नहीं किया गया है। गोरखपुर टूरिज्म डिपार्टमेंट के पास वर्तमान में मात्र 9 टूअर गाइड है जो नॉन प्रोफेशनल हैं। इनके पास टूरिज्म से संबंधित न तो कोई डिग्री है और न ही उन्होंने कोई कोर्स किया है। जिन टुअर गाइड की तैनाती की गई है, वह ग्रेजुएट हैं। उन्हें देश-विदेश की जानकारी नहीं है, न ही उन्हें डिफरेंट कंट्रीज की लैंग्वेज आती हैं।
इन देशों से आते हैं टूरिस्ट्स
- श्रीलंका
- जापान
- कोरिया
- थाईलैंड
- चाइनीज
- बर्मिज
सन नंबर ऑफ टूरिस्ट्स
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नोट- इसमें इंडियन और फॉरेनर टूरिस्ट्स शामिल हैं।
टूअर गाइड हैं, लेकिन पर्याप्त नहीं है। कई बार इसकी डिमांड भी जा चुकी है, लेकिन तैनाती नहीं हो सकी है। रहा सवाल टूरिस्ट्स को प्रॉपर गाइडेंस का, तो जो टूअर गाइड हैं उनसे काम चलाया जा रहा है।
पीके सिंह, डिप्टी डॉयरेक्टर, गोरखपुर टूरिज्म डिपार्टमेंट
स्टेशन पर आने वाले टूरिस्ट्स के लिए टूरिज्म सेंटर खोले गए हैं, उसमें टूअर गाइड भी होते हैं। प्रोफेशनल टूअर गाइड नहीं हैं तो इसके लिए टूरिज्म डिपार्टमेंट से बात की जाएगी।
आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे