JAMSHEDPUR : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल कैंपस के गेट के पास एक ओर जहां अच्छी साफ-सफाई है, वहीं दूसरी ओर बिल्डिंग के पीछे गंदगी का अंबार है। हॉस्पिटल मैनेजमेंट की ओर से हॉस्पिटल कैंपस के चारों ओर फैली गंदगी को रोकने के लिए किसी प्रकार की कोई भी पहल नहीं की जा रही है। आलम यह है कि हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड सहित, मेडिकल वार्ड, शिशु वार्ड गैनिक वार्ड एवं कैदी वार्ड के आस-पास कचरे का ढेर लग गया है।

मेडिसिन वार्ड के चारों ओर गंदगी का अंबार

एमजीएम हॉस्पिटल में मेडिसिन वार्ड में ही शिशु वार्ड, गायनी वार्ड और कैदी वार्ड स्थित है। हॉस्पिटल में नई बिल्डिंग के कंस्ट्रक्शन की वजह से पिछले कई महीनों से हॉस्पिटल के सीवर लाइन का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह फेल हो चुका है। जिस कारण मेडिकल वार्ड के चारों ओर ख्ब् घंटे सीवर लाइन का गंदा पानी जमा रहता है। ड्रेनेज सिस्टम फेल होने के कारण सीवर लाइन का गंदा पानी कई महीनों तक कैंपस के चारों ओर जमा रहता है। इसे निकालने का प्रयास हॉस्पिटल मैनेजमेंट की ओर से नहीं किया जा रहा है। ऐसे में मेडिकल वार्ड के आसपास स्थित अन्य वार्ड के पेशेंट्स के साथ ही अटेंडेंट्स के बीच बीमारी बढ़ने का खतरा बढ़ गया है।

इमरजेंसी वार्ड के पास फेंक रहे बायो मेडिकल वेस्ट

इमरजेंसी वार्ड से महज ख्0 मीटर दूर प्रशासनिक भवन के पीछे पिछले कई महीनों से बायो मेडिकल वेस्ट फेंका और जलाया जा रहा है। हलांकि अधिकारियों यह नजर नहीं आ रहा है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के साथ बातचीत में एमजीएम के सुपरिंटेंडेंट ने कहा कि वे समय-समय पर कैंपस का निरीक्षण करते हैं। उन्हें कैंपस में बायो मेडिकल वेस्ट फेंकने या जलाने की जानकारी नहीं है, लेकिन हाथ कंगन को आरसी क्या।

रांची स्वास्थ विभाग के निर्देश पर हॉस्पिटल में स्वच्छता अभियान को लेकर टू वीक का स्पेशल ड्राइव चलाया जा रहा है। हॉस्पिटल कैंपस में कंस्ट्रक्शन का काम होने के कारण सीवर लाइन का पानी जमा हो जा रहा है। मैं खुद समय-समय पर हॉस्पिटल कैंपस का निरीक्षण करता हूं। मुझे हॉस्पिटल कैंपस में बायो मेडिकल वेस्ट फेके व जलाये जाने की जानकारी नहीं है।

-एके सिंह, सुपरिंटेंडेंट, एमजीएम हॉस्पिटल।