- बाढ़ प्रभावित इलाकों में बढ़ रहा है लोगों का गुस्सा

- राहत कैंप में चोरी, लूट, बदसलूकी की आशंका

GORAKHPUR: बाढ़ से प्रभावित लोगों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। पीडि़तों को अब अपने घर, सामान के साथ-साथ अपनी सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। राहत कैंपों में पुलिस की पहरेदारी नहीं होने से चोरी, लूट और बदसलूकी की आशंका बढ़ गई है। उधर, राहत और बचाव में लगे कुछ सरकारी कर्मचारियों के खराब व्यवहार से भी लोगों का गुस्सा कभी भड़क सकता है। इन परिस्थितियों के चलते पुलिस के सामने चुनौती बढ़ती जा रही है। एसएसपी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में पुलिस पेट्रोलिंग कराई जा रही है। जरूरत के अनुसार पुलिस कर्मचारियों की तैनाती कर दी जाएगी।

खाली हो रहे लोगों के मकान

शहर के आसपास इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है। 16 अगस्त की रात रोहिन नदी का बांध कटने से गुलरिहा, पीपीगंज, कैंपियरगंज और चिलुआताल एरिया के सैकड़ों मोहल्लों में पानी भर गया। शहर के तिवारीपुर, गोरखनाथ, राजघाट और खोराबार एरिया के मोहल्ले भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। रोहिन और राप्ती नदी में उफान से बंधों पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। बाढ़ की वजह से इंटर तक के सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है इसलिए कई लोग परिवार संग शहर से बाहर निकल गए हैं। जबकि बाढ़ प्रभावित इलाकों के मकान पूरी तरह से खाली हो चुके हैं। गिनी-चुनी जगहों पर छतों पर टिके बुजुर्ग घर की रखवाली कर रहे हैं। इसलिए बाढ़ प्रभावित एरिया में चोरी का खतरा बढ़ता जा रहा है।

गिनी-चुनी जगहों पर फोर्स तैनात

बाढ़ में डूबे मोहल्लों में सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए जा सके हैं। अधिकारियों के मूवमेंट, बाढ़ राहत सामग्री पहुंचाने वाली जगहों पर तो पुलिस मौजूद रह रही है लेकिन बाढ़ राहत कैंपों में पुलिस कर्मचारियों की परमानेंट तैनाती नहीं की गई है। किसी तरह का हंगामा होने पर लोगों को पुलिस बुलानी पड़ रही है। गिनी-चुनी जगहों पर दरोगा और सिपाहियों को लगाया गया है। चिलुआताल, सरहरी, पीपीगंज सहित कई जगहों पर ऐसे हालात बन गए हैं कि एक ही दरोगा-सिपाही पांच दिनों से लगातार ड्यूटी में हैं। शिफ्टवाइज ड्यूटी न होने से उनको भी समस्या झेलनी पड़ रही है।

इस तरह की आ रही मुश्किल

- बाढ़ राहत कैंप में रात के समय चोरी का खतरा बढ़ गया है।

- राहत वितरण के दौरान भीड़ के उग्र होने से विवाद उपज रहा है।

- बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों के मकान खाली पड़े हुए हैं।

- खाली मकानों से कीमतों सामानों की चोरी की आशंका बढ़ गई है।

- बच्चों की छुट्टी होने से दूर दराज के लोगों ने शहर छोड़ दिया है।

- राहत में लगे कुछ कर्मचारियों के खराब व्यवहार से पब्लिक भड़क रही है।

- राहत सामग्री नहीं मिलने पर लोग एनडीआरएफ और पीएसी जवानों से भिड़ जा रहे हैं।

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वर्जन

सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। पुलिस लाइन से अतिरिक्त फोर्स भेजी गई है। पीएसी बल को ड्यूटी में तैनात किया गया है। पेट्रोलिंग और सुरक्षा के लिए शिफ्टवाइज ड्यूटी लगाई गई है। थानों और पुलिस चौकियों की फोर्स को तैनात किया गया है। संवेदनशील स्थानों पर राहत और बचाव में लगे इंजीनियर्स और अन्य लोगों को पुलिस कर्मचारियों के मोबाइल नंबर मुहैया कराए गए हैं।

सिद्धार्थ अनिरुद्ध पंकज, एसएसपी