- संडे मार्केट में चोरी-छिपे दुकान लगा रहे दुकानदार नहीं दे रहे टैक्स

- निगम द्वारा चिन्हित 280 दुकानदार ही दे रहे हैं टैक्स

- टैक्स न देने वालों पर निगम नहीं कर रहा सख्ती

DEHRADUN: शहर के बीचों-बीच लगने वाले संडे मार्केट में चोरी-छिपे दुकान लगा रहे दुकानदार निगम को राजस्व का चूना लगा रहे हैं। दरअसल निगम द्वारा केवल ख्80 दुकानदारों को ही संडे मार्केट के लिए अनुमति दी गई है, वे बाकायदा निगम को साप्ताहिक कर भी देते हैं। लेकिन कई दुकानदार जो निगम द्वारा चिन्हित नहीं किए गए हैं, वे भी संडे मार्केट में अपने उत्पाद बेचने आ रहे हैं, और निगम को इनसे एक पैसे की कमाई नहीं हो रही। नगर निगम द्वारा भी इनको लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही जिससे टैक्स अदा करने वाले दुकानदार भी आक्रोि1शत हैं।

ख्80 दुकानें हैं चयनित

नगर निगम की ओर से हर हफ्ते लगाए जाने वाले संडे मार्केट के लिए ख्80 दुकानों का चयन किया गया था जो रेगुलर संडे मार्केट में दुकानें लगाते हैं। इनसे नगर निगम फ्00 रुपए हर हफ्ते वसूलता है। इस हिसाब से नगर निगम को संडे मार्केट से हर हफ्ते 8ब् हजार की आमदनी होती है। महीने में निगम के खाते में मार्केट से साढ़े फ् लाख रुपये जमा होते हैं। अगर चोरी छिपे दुकान लगाने वालों से भी टैक्स वसूला जाए तो यह आमदनी काफी बढ़ सकती है, लेकिन इसे लेकर निगम गंभीर नहीं दिखता।

शिफ्ट नहीं हो पाया मार्केट

नगर निगम द्वारा संडे मार्केट को शिफ्ट करने का पन्स्ताव भी शायद ठंडे बस्ते में चला गया है। पिछले साल नगर निगम ने संडे मार्केट को तिब्बती बाजार से हटाकर धर्मपुर बन्नू स्कूल के पास शिफ्ट करने की योजना बनाई थी, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के बाद यह योजना पूरी नहीं हुई।

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यदि कोई व्यापारी बाहर से यहां सामान बेचने आता है, तो विभाग इसकी जांच करता है और उसका सामान जब्त कर लिया जाता है।

- विनय प्रताप, कर अधिकारी, नगर निगम।

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जो लोग बाहर से सामान बेचने आ रहे हैं.उनकी वजह से दुकान दारों को घाटा तो हो ही रहा बल्कि निगम को भी राजस्व का चूना लग रहा है।

-अब्दुल कादिर, दुकानदार

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विभाग को इस समस्या का समाधान जल्द करना चाहिए। बाहरी व्यापारियों पर लगाम लगाई जानी चाहिए, इससे हमें भी घाटा हो रहा है।

-मनीष, दुकानदार।

पब्लिक कनैक्ट

-नगर निगम को संडे मार्केट किसी दूसरी जगह शिफ्ट कर देना चाहिए। एक दिन के मार्केट लगने से शहर के बींचों-बीच कूड़ा भी हो रहा है।

स्वेता

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- संडे मार्केट में हजारों लोग शॉपिंग करने आते हैं। उनकी कोई सुरक्षा नहीं है। कई बार लोगों की जेब कट जाती है।

-मुकेश लखेड़ा

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- बाजार के लगने से पैदल चलने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। निगम को यहां व्यवस्थाएं ठीक करनी चाहिए।

सौरभ

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-निगम ने बाजार तो लगा दिया लेकिन पार्किग की सबसे बड़ी समस्या से जूझना पड़ता है। कई बार गाडि़यों का चालन हो जाता है।

चारू

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-संडे मार्केट के दिन विभिन्न जगहों पर जाने वाले वाहनों के रूट डायवर्ट होने चाहिए, जिससे पैदल चलने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

पन्मोद

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-संडे मार्केट में कूड़ेदान की सबसे बड़ी समस्या है। विभाग को हर भ्0 मीटर पर कूड़ादान लगाना चाहिए, जिससे गंदी न फैले।

पन्वीन

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