RANCHI: पिछले दिनों जमशेदपुर कोर्ट में दिनदहाड़े फायरिंग में बस ओनर उपेंद्र सिंह की हत्या के बाद रांची सिविल कोर्ट की सुरक्षा पर पुलिस संजीदा हो गई है। यहां पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, लेकिन आश्चर्य जब फायरिंग होगी तो ये लाठी से क्रिमिनल्स का भला कैसे मुकाबला करेंगे। कोर्ट में प्रवेश करनेवालों पर सुरक्षा के तहत आम लोगों की चेकिंग की जा रही है। लेकिन, हैरत की बात यह है कि यह चेकिंग सिर्फ खानापूर्ति है। पुलिसकर्मी भी चेहरा देखकर ही चेकिंग कर रहे हैं। गौरतलब हो कि कोर्ट कैंपस में हत्याकांड से गुस्साए वकीलों ने कार्य बहिष्कार भी किया था। वहीं, इस मुद्दे पर बार एसोसिएशन ने एक बैठक भी की थी

कैंपस की सुरक्षा में सेंध

हत्याकांड के एक दिन बाद गुरुवार को रांची सिविल कोर्ट में जो सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, उसमें लाठी पार्टी को तैनात किया गया था। ऐसे में यह सवाल उठता है कि जब क्रिमिनल हथियार लेकर आएंगे तो ये लाठी से भला उनका मुकाबला कैसे कर पाएंगें? सिविल कोर्ट कैंपस में भी कई ऐसी खामियां हैं, जहां अपराधी फायरिंग कर आसानी से फरार हो सकते हैं।

दरभंगा हाउस एंट्री प्वाइंट पर सुरक्षा नहीं

दरभंगा हाउस के सामने से भी सिविल कोर्ट में प्रवेश करने का आम रास्ता है। यहां स्थित गेट से अंदर घुसने पर बाई ओर एडवोकेट्स के बैठने की व्यवस्था है। यहीं से कोर्ट कैंपस में घुसने का भी रास्ता है। इस रास्ते में सिक्योरिटी का इंतजाम नहीं है। ऐसे में इस रास्ते से कोई भी बेरोकटोक अंदर घुस सकता है। इसे देखने वाला कोई नहीं है।

मेन गेट पर नाम की तैनाती

कलेक्टेरिएट जाने वाले रास्ते से भी सिविल कोर्ट में घुसा जा सकता है। इसी रास्ते से कोर्ट में जाने का मेन गेट है। अदालती काम के सिलसिले में आनेवाले ज्यादातर लोग इसी गेट का इस्तेमाल करते हैं। इसी गेट से होकर कैदियों को जेल से अदालत में पेशी के लिए लाया जाता है। यहां सुरक्षाकर्मी तो तैनात है, लेकिन सुरक्षा के हिसाब से उनकी संख्या काफी कम है।