- डीडीयूजीयू कैंपस में नहींसेपरेट ग‌र्ल्स टॉयलेट

-धज्जियां उड़ रही है यूजीसी की गाइडलाइंस की

GORAKHPUR: इंडिया में पब्लिक टॉयलेट की कमी और उनका रखरखाव समस्या है लेकिन अगर लेडीज के लिए टॉयलेट की बात की जाए तो यह समस्या विकट है। खासकर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी में भी ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स इसी समस्या से रूबरू हो रही हैं। प्रॉपर नंबर टॉयलेट न होने की वजह से ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स को काफी परेशानी होती है। यूनिवर्सिटी में डिफरेंट फैकेल्टी में जो टॉयलेट हैं भी उनकी हालत बहुत बेहतर नहींकही जा सकती है। एक तरफ देश के प्रधानंत्री देश में स्वच्छता और टॉयलेट को लेकर अभियान की अगुवाई कर रही हैं तो इसको लेकर जो हकीकत सामने है, वह शर्रि्मदगी पैदा करती है।

मूकदर्शक बना हुआ है डीडीयूजीयू प्रशासन

डीडीयूजीयू में पढ़ने वाली ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स के लिए टॉयलेट एक बड़ी समस्या है। दूसरी तरफ डीडीयूजीयू एडमिनिस्ट्रेशन यूजीसी की गाइडलाइंस को ताक पर रखकर इस मामले में मूकदर्शक बना हुआ है। पूर्वाचल की एक मात्र यूनिवर्सिटी डीडीयूजीयू से पढ़कर निकलने वाले स्टूडेंट्स ने डिफरेंट फील्ड में अपना और गोरखपुर का नाम रोशन किया है। नाम रोशन करने वालों में ग‌र्ल्स भी पीछे नहींहैं, लेकिन डीडीयूजीयू में ग‌र्ल्स की जरूरतों का ख्याल ताक पर रखा जाता है। इन्हींमें से एक है लेडीज टॉयलेट की कमी। गौर करने वाली बात यह है कि यूनिवर्सिटी कैंपस में म्9ब्0 ग‌र्ल्स पढ़ती हैं और पूरे कैंपस में क्7, ब्ब्क् स्टूडेंट् हैं। इनके लिए पूरे कैंपस में केवल क्ख् टॉयलेट हैं। इनमें से ग‌र्ल्स के लिए कोई भी सेपरेट टॉयलेट नहींहै। इस बात को डीडीयूजीयू प्रशासन भी मानता है कि अभी तक ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स के लिए सेपरेट टॉयलेट की व्यवस्था नहींहै। वहींयूनिवर्सिटी में ग‌र्ल्स कॉमन रूम में जो टॉयलेट हैं वह भी बदहाही की कगार पर हैं।

क्भ् दिन पहले किया था इंस्पेक्शन

आ‌र्ट्स फैकेल्टी की ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स की मानें तो यहां ग‌र्ल्स के लिए टॉयलेट नहीं है। टीचर्स भी इसकी शिकायत यूनिवर्सिटी प्रशासन से कर चुकी हैं। क्भ् दिन पहले डीडीयूजीयू रजिस्ट्रार अशोक कुमार अरविंद ने आ‌र्ट्स फैकेल्टी का इंस्पेक्शन किया। इंस्पेक्शन के दौरान पाया गया कि ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स के लिए किसी भी डिपार्टमेंट में सेपरेट टॉयलेट नहीं है। जो टॉयलेट हैं भी उनकी स्थिति दयनीय है।

क्या कहना है रजिस्ट्रार का?

रजिस्ट्रार ने बताया कि ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स की यह मांग जेनविन है। इसके लिए इंस्पेक्शन किया गया है। इंस्पेक्शन के दौरान तमाम खामियां मिली। ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स की समस्या को गंभीरता से लिया गया है। इसकी रिपोर्ट वीसी को भेज दी गई है।

इन डिपार्टमेंट्स में नहीं है सेपेरेट लेडीज टॉयलेट

- आ‌र्ट्स फैकेल्टी

- साइंस फैकेल्टी

- कॉमर्स फैकेल्टी

- लॉ फैकेल्टी

- एजुकेशन फैकेल्टी

नंबर ऑफ ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स इन डीडीयू

यूजी फीमेल - ब्,9क्ब्

पीजी फीमेल - क्,70ख्

एमफिल फीमेल - 0ब्

पीएचडी फीमेल - फ्,ख्0

टोटल फीमेल - म्,9ब्0

टॉयलेट न होने से हमें काफी प्रॉब्लम होती है। कई बार डिपार्टमेंट के एचओडी से भी कहा जा चुका है, लेकिन लेडीज टॉयलेट नहीं होने से काफी अनसेफ फील होता है।

स्नेहा, बीए फ‌र्स्ट इयर

इतनी बड़ी यूनिवर्सिटी में एक लेडीज टॉयलेट तक नहीं है। जो कॉमन टॉयलेट है, वह भी बेहतर नहींहै। इसके लिए कई बार कंप्लेन की जा चुकी है, लेकिन मामला इंस्पेक्शन तक ही सिमट जाता है।

नंदनी वर्मा, बीए फाइनल इयर

ग‌र्ल्स टॉयलेट को लेकर इंस्पेक्शन किया गया है। यूजीसी की गाइडलाइन है कि ग‌र्ल्स के लिए सेपेरेट टॉयलेट होने चाहिए। इसके लिए वीसी को लेटर लिखा जा चुका है।

अशोक कुमार अरविंद, रजिस्ट्रार, डीडीयूजीयू