हालाकि हेल्थ इंश्योरेंस पर बढ़ायी गयी छूट और स्वच्छ भारत अभियान में निवेश पर मिली 100 परसेंट की टैक्स छूट काफी लुभावनी है लेकिल अगर एक्सपर्टस की राय मानें तो अगले साल से लेकर इस सरकार के बाकी कार्यकाल के चार सालों तक कारपोरेट हाउसेसज की बल्ले बल्ले रहने वाली है.     

देखें अरुण जेटली के पहले बजट की निवेश पर छूट को लेकर क्या हैं खास बातें.

इस बजछ में ट्रांसपोर्ट अलाउंस 800 से बढ़ाकर 1600 कर दिया गया है.

गंभीर बीमारी पर छूट 60 हजार से 80 हजार की गई जबकि हेल्थ इंश्योरेंस पर छूट की सीमा 15 से बढ़ा कर 20 हजार रुपये कर दी गयी. बुजुर्गों के लिए ये छूट 30 हजार रुपये तक होगी.

वहीं पेंशन फंड में छूट एक लाख से बढ़ाकर, 1.5 लाख की गई है.

सब्जियां औश्र दालें पहले ही मंहगे हैं. ऐसे में अगर मिडिल क्लास का बंदा कभी फेमिली डिनर पर जाने का रिस्क लेना भी चाहे तो अब ये आसान नहीं रहा क्योंकी सर्विस टैक्स 12. 36 से 14 फीसदी तक बढ़ाया गया है जिससे बाहर खाना होगा महंगा.

1 करोड़ से ज्यादा आय वालों पर 2 फीसदी एक्स्ट्रा टैक्स लगेगा. क्योंकी वित्त मंत्री का मानना है कि धनी व्यक्तियों को कम आय वालों की तुलना में ज्यादा टैक्स देना चाहिए.

लेकिन इससे ज्यादा खुश ना हो जाएं अगले ही पल मंत्री महोदय ने स्पष्ट कर दिया है कि बिजनेस करने के लिए सहज माहौल बनाया जाएगा. इसलिए कॉर्पोरेट टैक्स की मौजूदा दर 30 से घटाकर 25 फीसदी की गई है, जो अगले चार सालों के अंदर पूरी तरह लागू हो जाएगी. स्पष्ट किया गया है कि कंपनियों की आय पर कर चार साल में घटकर 25 फीसदी. कटौती अगले साल से शुरू हो जाएगी.  

वेसे टैक्स चोरी पर रकार का रवैया कड़ा होगा. इसके लिए बनेगा नया कानून और काला धन छिपाने के मामले में 10 साल तक की सजा का प्रावधान होगा. वहीं आईटी रिटर्न में सबको बतानी होगी विदेश में संपत्ति वरना सात साल तक की सजा हो सकती है.

आम आदमी को राहत देने वाली इनकम टैक्स छूट में कोई बदलाव नहीं किया गया है वो वैसे ही है जैसी पिछले कुछ समय से चली आ रही है.

अरुण जेटली ने कर प्रणाली को युक्ति संगत बनाने की बात करते हुए कहा है कि रेलवे, रोड और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए टैक्स फ्री बॉन्ड का ऐलान किया जाएगा.

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