छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: जुर्माना देंगे, लेकिन फॉलो नहीं करेंगे ट्रैफिक रूल्स, नहीं पहनेंगे हेलमेट। जी हां, कुछ ऐसी ही सोच है लौहनगरी के लोगों की। सीएम की अपील भी यहां काम नहीं आ रही है। पिछले वित्तीय वर्ष में ट्रैफिक डिपार्टमेंट ने शहर के लोगों से जुर्माने के रूप में 1.25 करोड़ रुपए वसूले हैं।

अवेयरनेस का प्रयास

पूरे स्टेट में 16 अप्रैल से हेलमेट को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। सीएम की ओर से अपील भी जारी की गई। इसको लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों व स्कूलों के माध्यम से लोगों को अवेयर करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही ट्रैफिक पुलिस भी अभियान चलाकर हेलमेट नहीं पहने वालों से जुर्माना वसूलने का काम कर रही है। लोगों को यह बताने का प्रयास किया जा रहा है कि अगर टू-व्हीलर चलाते समय हल्की दुर्घटना के बाद अगर आपने हेलमेट पहना है, तो सिर में चोट लगने की संभावना कम होगी। ज्यादातर दुर्घटना में देखा जाता है कि दुर्घटना के बाद सिर में चोट लगने से व्यक्ति की मौत हो जाती है। ऐसे में हेलमेट अवश्य पहने, लेकिन यह कवायद नाकाफी साबित हो रही है।

आधा से अधिक नहीं कर रहे हेलमेट का उपयोग

शहर के किसी भी मुख्य सड़क पर नजर दौड़ायेंगे तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि टू व्हीलर चलाने वाले आधा से अधिक लोग हेलमेट का उपयोग नहीं कर रहे है। जिनका पास हेलमेट है वे भी हेलमेट पहन कर बाइक ड्राइव नहीं कर रहे है। इतना ही नहीं टू व्हीलर चलाते वक्त अकसर यह देखने को मिल जाता है कि हेलमेट को लोग हाथ में या फिर बाइक पर कहीं भी टांग कर बाइक ड्राइव कर रहे है। या फिर बाइक के पीछे बैठे व्यक्ति को हेलमेट थमा ड्राइव कर रहे हैं।

भरा सरकार का खजाना

ट्रैफिक डिपार्टमेंट पर राजस्व वसूलने की जिम्मेवारी नहीं है, लेकिन इसके बावजूद ट्रैफिक डिपार्टमेंट ने मोटर अधिनियम का उल्लघंन करनेवालों से 1.25 करोड़ रुपये वसूल कर सरकार के खजाने को भरने का काम किया है। आंकड़े चौंकाने वाले है। वित्तीय वर्ष 16-17 की बात की जाए तो ट्रैफिक डिपार्टमेंट की ओर से 17,486 लोगों को बिना हेलमेट के बाइक ड्राइव करते हुए पकड़ा गया। और उनसे जुर्माना वसूलने का काम भी किया गया। वहीं मार्च 2016 से मार्च 2017 के बीच कितना जुर्माना वसूला गया यह आकड़ा भी चौकाने वाला है।

माह जुर्माने की राशि

अप्रैल 9.27 लाख

मई 13.26 लाख

जून 11.67 लाख

जुलाई 10.60 लाख

अगस्त 10.66 लाख

सितंबर 11.81 लाख

अक्टूबर 14.97 लाख

नवंबर 4.59 लाख

दिसंबर 10.93 लाख

जनवरी 8.80 लाख

मार्च 9.13 लाख