- यूनिवर्सिटी के हिंदी डिपार्टमेंट में जल्द होगी फैकल्टी की भर्ती

- एक प्रोफेसर, दो एसोसिएट प्रोफेसर और तीन असिस्टेंट प्रोफेसर

- उर्दू और संस्कृत भाषा के लिए भी भेजा जाएगा यूजीसी को प्रस्ताव

Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी में कांट्रेक्ट बेस्ड फैकल्टी पर चल रहे डिपार्टमेंट्स में से एक हिंदी विभाग को राहत की सांस मिलने जा रही है। यूजीसी ने हिंदी डिपार्टमेंट में प्रोफेसर्स की भर्ती के प्रस्ताव पर अपनी मोहर लगाते हुए अनुमोदन कर दिया। इसके तहत जल्द ही हिंदी विभाग में प्रोफेसर्स का पूर्ण स्टाफ होगा। इस प्रस्ताव के अनुमोदन के साथ ही अब उर्दू और संस्कृत भाषा के लिए भी यूनिवर्सिटी प्रस्ताव भेजने जा रही है। ताकि इन भाषाओं का वर्चस्व कायम रहे और आगे बढ़ती रहें।

यह है सीन

यूनिवर्सिटी में मौजूद हिंदी डिपार्टमेंट के हेड प्रोफेसर एनसी लोहनी के अनुसार उन्होंने यूजीसी को डिपार्टमेंट में प्रोफेसर्स की कमी के चलते यूजीसी से टीचर्स की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजा था, जिसके अनुमोदन का काफी समय से इंतजार था। अब जाकर यूजीसी से यूनिवर्सिटी को इसके अनुमोदन का पत्र प्राप्त हो गया। यूजीसी से राजभाषा हिंदी को कायम रखने के लिए प्रोफेसर्स के अनुमोदन की स्वीकृति पर वीसी और अधिकारियों के बीच मिठाई बांटी गई।

यह होगी भर्ती

यूजीसी लेटर के अनुसार क्ख्वीं योजना के अंतर्गत अनुदान प्राप्त सेंट्रल, स्टेट व मानित यूनिवर्सिटीज में हिंदी विभाग के उन्नयन हेतु अनुमोदन किया गया, जिसमें यूनिवर्सिटी में हिंदी विभाग में एक प्रोफेसर, दो एसोसिएट प्रोफेसर और तीन असिस्टेंट प्रोफेसर के नियुक्ति की अनुमति प्रदान की है।

यह भी होगा

यूजीसी ग्रांट के अनुसार डिपार्टमेंट में बुक्स और मैगजीन के लिए पचास हजार, गोष्ठी, सम्मेलन, कार्यशाला, विशिष्ट व्याख्यान तथा शोध पत्रिका प्रकाशन के लिए एक लाख रुपए और आकस्मिक व्यय के लिए अस्सी हजार रुपए अनुदान भी स्वीकृत किया है। यह सहायता अनुमोदन पत्र के जारी करने की तिथि से फ्क् मार्च ख्0क्7 की अवधि के लिए मान्य होगा। इस अनुदान के लिए नियम व शर्ते वही हैं जिन्हें क्ख्वीं योजना के अंतर्गत यूनिवर्सिटीज के विकास कार्यक्रमों को अनुदान दिए जाने के लिए निर्धारित किया गया है।

जल्द होगी नियुक्ति

यूनिवर्सिटी वीसी के अनुसार इस अनुमोदन के बाद अब जल्द ही विज्ञापन निकाला जाएगा, जिसकी प्रतिलिपी, चयन समिति की अनुशंसा, चयनित उम्मीदवार का बायोडाटा, कार्यग्रहण सूचना और मूल वेतन व अन्य भत्ते की सूचना यूजीसी को भेजी जाएगी। डिपार्टमेंट में स्वीकृत शैक्षणिक पदों की भर्ती यूजीसी के नियमानुसार ही की जानी है। वहीं अगर इन पदों पर नियुक्ति इस योजना की समाप्ति से पहले नहीं की जाती तो अनुमोदित पदों को निरस्त कर दिया जाएगा।