- एफएसडीए की टीम ने पहली बार पानी के पाउच फैक्ट्री पर मारा छापा, सैम्पल सील कर जांच के लिए भेजा

KANPUR : सिटी में पानी के पाउच का धंधा जोरों से चल रहा है। इन पाउचों के पानी का कोई मानक नहीं है। न ही इसके लाइसेंस की सख्ती है, इसीलिए घर-घर लोगों ने फैक्ट्री लगा ली है। करीब 500 से अधिक नामों के पानी के पाउच बाजार में बिक रहे हैं। पहली बार एफएसडीए की निगाह इस ओर पड़ी है। सोमवार को एक फैक्ट्री में छापा मारकर पानी के पाउच सील किए और उन्हें जांच के लिए भेजा जा रहा है।

पानी के पाउच का धंधा गरमी बढ़ने के साथ बहुत बढ़ गया है। इसमें दुकानदारों को तगड़ा मार्जिन मिलने की वजह से हर जनरल स्टोर, चाय-पान की दुकानों पर यह उपलब्ध है। एक दुकानदार ने ही बताया कि 40 रुपए की 100 पाउच वाली बोरी खरीदते हैं। यह पाउच बर्फ अथवा फ्रिज में ठंडा करके 2 रुपए का बेचा जाता है।

कभी प्रशासन ने भी इस धंधे पर गौर नहीं किया। इसकी वजह से पाउच में जो पानी है उसका कोई मानक नहीं है। यह पाउच डायरेक्ट बोरिंग के पानी से भरे जाते हैं। जबकि बिना फिल्टर्ड पानी नहीं बेचा जाना चाहिए। सोमवार को पहली बार एफएसडीए की टीम पानी के पाउच की जांच करने निकली। टीम ने शारदा नगर स्थित एक फैक्ट्री शाइनी इण्टरप्राइजेज पर छापा मारा। वहां पानी की पैकिंग की जा रही थी। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी एसएसएच आबिदी ने बताया कि उक्त फैक्ट्री में पानी को फिल्टर करने का कोई इंतजाम नहीं मिला। पानी के पाउचों के नमूने सील कर उन्हें जांच के लिए भेजा जा रहा है। अभी टीम अन्य फैक्ट्रियों की भी जांच करेगी।