-परिवहन विभाग की वेबसाइट में सामने आईं कई खामियां

-तीन दिन पहले तक बतौर ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर, थे स्व। सुरेन्द्र राकेश

DEHRADUN: एक तरफ मोदी सरकार ई-गवर्नेस की बात कर रही है और दूसरी तरफ विभागों के वेबसाइट तक अपडेट नहीं हैं। उत्तराखंड में परिवहन विभाग की वेबसाइट पर तमाम खामियां हैं। बीते तीन दिन पहले विभाग की वेबसाइट पर बतौर परिवहन मंत्री, पूर्व मंत्री स्व। सुरेन्द्र राकेश बताए जा रहे थे। जिनकी बकायदा तस्वीर भी लगी थी। हालांकि इस बीच विभाग ने मंत्री की तस्वीर जरूर हटा दी है, लेकिन अभी भी विभाग की वेबसाइट पर कई खामियां बाकी हैं।

डीएल की फीस नहीं हुई अपडेट

वेबसाइट में ड्राइविंग लाइसेंस की फीस फ्क् मई ख्00ख् से अपडेट नहीं हुई है। वेबसाइट पर लाइट मोटर व्हीकल के लिए लर्निग लाइसेंस की फीस फ्0 रुपए बताई जा रही है। जबकि वर्तमान में लर्निग लाइसेंस की फीस करीब 80 रुपए ली जाती है। इसी तरह परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए वेबसाइट में अभी भी ब्0 रुपए फीस है,जबकि वर्तमान में करीब फ्ख्0 रुपए फीस ली जाती है। इसी तरह अन्य चीजों की फीस भी अपडेट नहीं हुई है।

नहीं मिलेगा नया स्टेटिकल डेटा

वेबसाइट पर विभाग ने पिछले क्फ् सालों का स्टेटिकल डेटा अपलोड किया हुआ है। इसमें स्टेट में ऑन रोड व्हीकल की संख्या, डिफरेंट कैटेगरी में व्हीकल की संख्या आदि अपलोड किया हुआ है, लेकिन यह सिर्फ वर्ष ख्0क्ख्-क्फ् तक ही मिलेगा। इसके बाद करीब डेढ़ साल का समय बीत गया है, लेकिन विभाग ने नए आंकड़ों को अपलोड नहीं किया है। फाइनेंशिएल इयर की प्रोग्रेसिव रेवन्यू फिगर भी वर्ष ख्0क्ख्-क्फ् तक ही वेबसाइट पर नजर आ रही है। इंफोर्समेंट का डेटा भी वर्ष ख्0क्फ् के बाद अपडेट नहीं हो पाया।

सेंट्रल सर्वर से भी नहीं जुड़ पाया

उत्तराखंड में सभी आरटीओ और एआरटीओ ऑफिस को सेंट्रल सर्वर से जोड़ने के लिए विभाग प्लानिंग कर चुका है, लेकिन अभी तक विभाग की यह प्लानिंग धरातल पर नहीं उतर पाई है। सेंट्रल सर्वर से जुड़ने के बाद पब्लिक को काफी हद तक काम कराने में आसान होना था।

वेबसाइट से जोड़ने का क्या फायदा

घर बैठे ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए ऑन लाइन आवेदन की प्रक्रिया भी विभाग शुरू करने जा रहा है। लेकिन इसका फायदा तब तक लोगों को नहीं मिल पायेगा, जब तक वेबसाइट में आंकड़े अपडेट नहीं होते हैं।

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विभाग की वेबसाइट चेक की जाएगी। अगर ऐसा है तो कर्मचारियों से नया डेटा अपलोड करवाया जाएगा।

-बीके संत, अपर सचिव, परिवहन विभाग