इलाहाबाद म्यूजिक क्लब ने उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र में छठवें वार्षिक उत्सव गुलजार-एक अहसास का किया आयोजन

ALLAHABAD: इलाहाबाद म्यूजिक क्लब की ओर से एक बार फिर गीत-संगीत की शानदार महफिल सजाई गई। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के ऑडिटोरियम में क्लब के छठवें वार्षिक उत्सव गुलजार-एक अहसास का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि जस्टिस तरुण अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि जस्टिस भारती सप्रू, कमिश्नर डॉ। आशीष कुमार गोयल व क्लब के अध्यक्ष अमिताभ गर्ग ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया।

कजरारे-कजरारे से बांधा समां

डॉ। नम्रता देव ने 'यारा सिली-सिली बिरहा' संगीत लहरियां छेड़ी तो सीमा मध्यान ने 'जिया-जिया रे' समारोह को ऊंचाई प्रदान की। संजय मित्रा, सीमा मध्यान व ज्योति दुबे ने कजरारे-कजरारे की प्रस्तुति से श्रोताओं को तालियां बजाने पर विवश कर दिया। डॉ। वंदना गुप्ता ने तेरे बिना जिंदगी मनमोहक प्रस्तुति की। डॉ। घनश्याम मिश्रा ने सुरमयी अंखियां, डॉ। स्मिता कामरा ने मोरा गोरा रंग व डॉ। पीयूष मिश्रा ने तुम पुकार लो की प्रस्तुति अपनी सुरीली आवाज में की।

बच्चों ने भी बिखेरा जलवा

फिर बच्चों का प्यारा गीत लकड़ी की काठी की प्रस्तुति कर मास्टर आरव, हर्ष, परीक्षित व देवी सरगम ने श्रोताओं को दीवाना बना दिया। दीप्ति चतुर्वेदी ने नाम गुम जाएगा की मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति की। आर्किटेक्ट पीयूष टंडन ने मुसाफिर हू यारो की प्रस्तुति की। संचालन डॉ। रंजना त्रिपाठी का रहा। क्लब के सचिव बृजराज तिवारी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

स्मृति चिन्ह के रूप में दी गई पुस्तक

इलाहाबाद म्यूजिक क्लब के छठवें वार्षिक उत्सव में एक नई परंपरा का श्रीगणेश हुआ। क्लब के अध्यक्ष अमिताभ गर्ग ने पहले तो क्लब के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला उसके बाद अतिथियों को स्मृति चिन्ह के रूप में पुस्तक प्रदान की गई।