कुछ दिन पहले वो उत्तर कोरिया पहुंचे और वहां की राजधानी प्योंगयांग को अपने कैमरे में कैद किया।

बरासरा को पर्यटन का यह शौक कैसे चढ़ा? इतने सारे देशों के साथ ही उत्तर कोरिया का उनका अनुभव कैसा रहा, यह दिलचस्प है।

दुनिया के विभिन्न देशों में घूम चुके जिगर बरासरा के साथ इन्हीं सभी बातों पर बीबीसी ने खास बातचीत की।

जामनगर टू प्योंगयांगः तानाशाह किम जोंग उन के गढ़ में

 

जिगर ने बात उत्तर कोरिया से शुरू की और कहा, "उत्तर कोरिया एक 'कौतूहल पैदा करने वाला' मुल्क है। दक्षिण कोरिया पहुंचने पर, मेरे दोस्त ने मुझसे कहा कि दक्षिण कोरिया तो ठीक है, लेकिन उत्तर कोरिया जाओ तो कुछ अलग किया माना जाएगा। मैंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया और उत्तर कोरिया पहुंच गया।"

जब मैं उत्तर कोरिया के हवाई अड्डे पर पहुंचा तो मुझे ऐसा लगने लगा कि मैं एक अलग दुनिया में पहुंच गया हूं। मुझे लगा कि किम जोंग ने वहां के लोगों का मत परिवर्तन करने के साथ ही उनकी आवाज़ दबा रखी है।

किम जोंग ने उत्तर कोरिया को एक "अलग-थलग देश" बना रखा है, वहां जाना बहुत चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि अन्य देशों की तुलना में उत्तर कोरिया का वीजा पाना और वहां रहना कहीं अधिक मुश्किल है।

 

वहां आपको चीन में एक खास एजेंसी के माध्यम से जाना होता है।

उत्तर कोरिया में आप इंटरनेट या मोबाइल इस्तेमाल नहीं कर सकते। एक तरह से दुनिया से आपका संपर्क टूट जाता है।

जिगर ने वहां के लोगों और उनके जीवन के बारे में कहा, "उत्तर कोरिया में कुछ नियम हैं, वहां ऊंची इमारतें हैं, और सड़कों पर केवल सरकारी वाहन ही दिखते हैं, क्योंकि प्रत्येक नागरिक को केवल सार्वजनिक परिवहन का उपयोग ही करना होता है।

जामनगर टू प्योंगयांगः तानाशाह किम जोंग उन के गढ़ में

 

"यहां कोई अपना वाहन नहीं रख सकता। लोगों को घर ख़रीदने के लिए सरकार से अनुमति लेनी होती है।"

अधिकतर दुकानें सरकार की हैं और लोग साइकिल पर चलते हैं।

हालांकि, उत्तर कोरिया में आप तस्वीरें आसानी से ले सकते हैं, हालांकि उन्हें सड़कों पर यदि किम जोंग और अन्य नेताओं की प्रतिमा दिखे तो झुक कर सम्मान देना होता है।

इस देश का बाहरी मुल्कों से कोई संपर्क नहीं है, आम तौर पर यहां के लोगों के बाहर जाने पर रोक है और बाहर के लोग यहां आते नहीं। लेकिन कुछ लोग ख़तरा मोल लेकर यह करने की कोशिश करते हैं।

जामनगर टू प्योंगयांगः तानाशाह किम जोंग उन के गढ़ में

 

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भारत के बारे में क्या जानते हैं उत्तर कोरियाई

जिगर ने बताया कि वहां के लोगों को भारत के बारे में क्या पता है। उन्होंने कहा, "वहां के लोग शांत और हंसमुख हैं। वो आपको बाज़ारों में खरीदारी करते दिख जाएंगे। यहां के लोग आसानी से विदेशियों से बातें नहीं करते।"

"हालांकि, जब मैं बाज़ार में खरीदारी कर रहा था, तो एक महिला ने मुझसे पूछा कि मैं कहां से आया हूं? मैंने उन्हें बताया कि मैं भारत से आया हूं तो उनका जवाब 'वाह' था।

"मैंने पूछा, 'क्या आप भारत के बारे में कुछ जानती हैं?' उन्होंने कहा, हां। हर साल हमें फ़िल्म समारोह में भारतीय फ़िल्में दिखायी जाती हैं। उन्होंने मुझे अपने कुछ पसंदीदा कलाकारों के नाम भी बताये।"

यदि कोई उत्तर कोरिया जाता है तो उन्हें स्थानीय लोगों को मिल रही सुविधाओं पर बात करने के दौरान यह ध्यान रखना चाहिए कि वो क्या बोल रहा है।

जामनगर टू प्योंगयांगः तानाशाह किम जोंग उन के गढ़ में

 

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उत्तर कोरिया में मुफ़्त हैं बिजली पानी

उन्होंने बताया कि यहां जोड़े को शादी के बाद उत्तर कोरियाई नेताओं की प्रतिमा के सामने आशीर्वाद लेना होता है।

इसके अलावा यदि आप ख़ुफ़िया कैमरे में कुछ कैद करते हैं तो आप परेशानी में पड़ सकते हैं। एक छोटी सी ग़लती आपके लिए बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है।

इतना ही नहीं, उत्तर कोरिया में लोगों के लिए सुविधाएं मुफ़्त हैं। यहां लोगों को बिजली पानी का भुगतान नहीं करना पड़ता और यहां स्वच्छता भी बहुत अधिक है।

जामनगर टू प्योंगयांगः तानाशाह किम जोंग उन के गढ़ में

 

दर्दनाक अनुभव

68 देशों के अनुभव के बारे में जिगर कहते हैं कि इन यात्राओं में उन्हें वित्तीय प्रबंधन, शाकाहारी खाने, भाषाई चुनौतियां और रंगभेद जैसे अनुभव मिले हैं।

उन्होंने एक दर्दनाक अनुभव के बारे में बताया, "एक बार मैं इथोपिया की यात्रा पर था, 10-12 लोग मेरे पास पहुंचे और मुझसे कहा कि वो "एंटी ड्रग्स स्कवॉड" से हैं।

मुझे एक कमरे में ले गये और बताया कि मेरे शरीर की जांच की जाएगी और उन लोगों ने यह भी कहा कि मुझे शौचालय जाना होगा, क्योंकि बाद में मेरे मल की जांच की जाएगी।

जामनगर टू प्योंगयांगः तानाशाह किम जोंग उन के गढ़ में

 

मेरे मल की सूंघ कर जांच

मैं भाग्यशाली था कि उसी समय मुझे टॉयलेट जाना था। उन्होंने मेरे मल की सूंघ कर जांच की, ये मेरा सबसे वाहियात अनुभव था।

हालांकि दो घंटे बाद मुझे वहां से जाने दिया गया और मेरे पास वहां के पैसे भी नहीं थे। लेकिन डेविड नाम के एक व्यक्ति ने मेरी मदद की।

डेविड एक बार भारत भी आये और संयोगवश वो गुजरात के जामनगर की यात्रा पर पहुंचे।

जामनगर टू प्योंगयांगः तानाशाह किम जोंग उन के गढ़ में

 

कड़वा अनुभव

मेरा एक और कड़वा अनुभव है जिसमें मैं एक ट्रिप पर जा रहा था। पहले दिन मुंबई में ही मेरा सारा सामान खो गया।

शुरुआत में मेरे घूमने के शौक पर मेरे माता पिता या समाज की तरफ से अच्छी प्रतिक्रिया नहीं थी। मेरे लिए बजट का प्रबंधन भी एक चुनौती थी।

मैं सबसे पहले इंडोनेशिया गया था जहां से यह घूमने का शौक मुझे चढ़ा।

जामनगर टू प्योंगयांगः तानाशाह किम जोंग उन के गढ़ में

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