RANCHI: मंगलवार को बरियातू थाना क्षेत्र के संस्कृति विहार स्थित आशीर्वाद माइक्रोफाइनांस कंपनी के ऑफिस में दोपहर में जिन पांच अपराधियों ने 29 लाख रुपए लूटे, उनकी योजना 51 लाख रुपए लूटने की थी। लेकिन, 22 लाख रुपए कांके ब्लॉक में बांटे जाने के कारण इतने पैसे ही बच गए थे। भेदिए ने लुटेरों को जो जानकारी दी थी, उसके मुताबिक कंपनी के ऑफिस में स्वयंसेवी संस्था की महिलाओं को लोन के रूप में 51 लाख रुपए बंटने थे।

जांच में जुटी तकनीकी टीम

पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, डकैतों का सुराग तलाशने के लिए तकनीकी पदाधिकारियों को लगाया गया है। ये पदाधिकारी सिकिदिरी, ओरमांझी व हिंदपीढ़ी के मास्टरमाइंड की तलाश कर रहे हैं। पुलिस को आशंका है कि जिस तरह से डकैती की घटना को अंजाम दिया गया है। उसके मुताबिक, लोकल डकैतों के होने की आशंका है। तकनीकी पदाधिकारियों की टीम मोबाइल लोकेशन की टोह में लग गई है।

पुलिस को नहीं मिला क्लू

राजधानी में बढ़ती क्राइम की घटनाओं को लेकर सीआईडी एडीजी अजय कुमार सिंह ने अपने सीनियर पदाधिकारियों की मीटिंग गुरुवार को बुलाई है। सीआईडी ने घटनास्थल पर जो जांच की है, उसके मुताबिक, उन डकैतों को कई लोगों ने देखा है। हालांकि, पुलिस को अब तक इस डकैती मामले में कोई क्लू नहीं मिला है।

डकैतों का हुलिया बताया

बताया जाता है कि डकैत पहले से घात लगाकर बैठे थे। वे खुद को कंपनी का कर्मचारी शो कर रहे थे और वहां पहुंच रही महिला समिति व महिलाओं को ऊपर भेज रहे थे। ऐसा करने के पीछे मकसद यही था कि वे लोग रास्ते को खाली रखना चाहते थे। उन डकैतों को कई महिलाओं ने देखा है और उनका हुलिया भी बताया है।

कंपनी स्टाफ से भी पूछताछ

पुलिस कंपनी के लोगों से भी पूछताछ कर रही है। पूछताछ के दौरान कई बातें उभर कर सामने आ रही हैं, जिसके आधार पर पुलिस छानबीन में जुटी हुई है।

8-10 डकैतों के होने के सबूत

डकैती कांड को अंजाम देने में वैसे तो पांच ही बदमाशों की बात सामने आ रही है, लेकिन, इस कांड को अंजाम देने में आठ से दस अपराधियों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। बताया जाता है कि कंपनी के इस ऑफिस में हर 15 और 20 दिन में स्वयंसेवी संस्था की महिलाओं को लोन बांटा जाता है।