विशेष परिस्थितियों में ही बढ़ा सकेंगे पजेशन

आवास विकास अधिकारियों की गाजियाबाद में ट्रेनिंग

Meerut। आवास विकास की योजनाओं में अब अगर आपको किसी भी प्रकार की परेशानी या अपने आवास की पजेशन के संबंध में किसी भी प्रकार की देरी हो रही है तो आपकी मदद सरकार करेगी। रेरा यानी भू संपदा विनियम प्राधिकरण सरकारी योजनाओं में देरी पर आपके लिए लड़ेगा और आपको जुर्माना भी दिलाएगा। इस नियम को सख्ताई से लागू करने के लिए आवास के अधिकारियों का ट्रेनिंग प्रोग्राम चल रहा है। इसके बाद भी यदि आवास विकास के किसी प्रोजेक्ट में देरी हुई या उपभोक्ता की शिकायत आई तो संबंधित अधिकारी को जवाब देना होगा।

देना होगा जुर्माना

आवास विकास की योजनाओं का हाल राम भरोसे है जो योजना आठ साल पहले शुरू की गई वो आज तक पूरी नही हो सकी है। ऐसे में ऐसी योजनाओं पर अब रेरा काननू के तहत आवास विकास के अधिकारियों को भारी जुर्माना देना पडेगा। यदि योजना अपने निर्धारित समय में पूरा नही हो रही है तो आवेदक की शिकायत पर संबंधित प्रभारी को जुर्माना देना पडेगा। साथ ही साथ उस पर विभागीय कार्यवाही भी होगी।

मिल सकेगी राहत

रेरा के तहत 1 मई 2017 के बाद शुरु हुए प्रोजेक्ट या फिर चल रहे प्रोजेक्ट का रेरा में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। ऐसे में यदि निर्धारित समयावधि में आवास विकास अपनी योजना को पूरा नही कर रहा है तो उसे कारण बताना होगा। यदि कारण बाढ़, आग, भूकंप आदि से संबंधित है तो ही समय बढ़ाने का विकल्प मिल सकता है। अन्यथा निर्धारित समय में आवंटियों को उनका आवास देना होगा।

एक साल का एक्सटेंशन

फोर्स मेजर यानि प्राकृतिक आपदा के दौरान भी आवासीय योजनाओं को केवल अधिकतम एक साल का एक्सटेंशन यानी एक साल के अंदर निर्माण कार्य पूरा करने का समय मिलेगा। इससे अधिक समय किसी भी हाल में नही दिया जाएगा। यानी योजना की शुरुआत में निर्धारित समय मे ही अब आवेदकों के आवास का सपना पूरा होगा।

रेरा को सरकारी व प्राईवेट दोनो सेक्टर में गंभीरता से लागू करने और खरीददार की सुरक्षा के लिए यह ट्रेनिंग दी जा रही है। जो प्रोजेक्ट रेरा में रजिस्टर्ड नही होंगे उन पर जुर्माना व सजा की प्रक्रिया होगी। जो प्रोजेक्ट समय से पूरा नही होंगे उन पर जुर्माना होगा और जो प्रोजेक्ट बिना रजिस्ट्रेशन विज्ञापन भी करेंगे उन पर एक्शन लिया जाएगा।

राजेश मेहतानी, एडिशनल मैनेजमेंट रिप्रेजेंटेटिव