- बिना रजिस्ट्रेशन लग रहा परिवार परामर्श केंद्र

- केंद्र पर नहीं बैठते सक्षम अधिकारी

आगरा। टूटते परिवार को मिलाने वाला परिवार परामर्श केंद्र खुद ही 'टूट' गया है। अधिकारियों की बेरुखी के चलते परामर्श केंद्र असहाय बना हुआ है। यही कारण है कि पिछले एक साल से परामर्श केन्द्र का रिन्युअल तक नहीं कराया गया है। बिना रिन्युअल के परिवार परामर्श केंद्र पर टूटे घरों को जोड़ने का काम कराया जा रहा है।

कोर्ट के आदेश पर बना था केंद्र

पति-पत्नी के बिगड़ते रिश्तों को जोड़ने के लिए वर्ष 2004 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी के हर जिले में एक परिवार परामर्श केंद्र स्थापित करने के आदेश किए गए थे। आगरा में 25 अक्टूबर 2008 को परिवार परामर्श केंद्र की स्थापना की गई।

संरक्षक हैं डीआईजी

परामर्श केंद्र के संरक्षक डीआईजी और अध्यक्ष एसपी क्राइम को बनाया गया था। सचिव के रूप में पहली बार सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश गुप्ता को जिम्मेदारी दी गई थी। मामलों को सुनने के लिए 60 काउंसलर बैठाए गए थे।

परीक्षा में फेल काउंसलर हटाए

काउंसलर की योग्यता पर सवाल खड़े होने पर तत्कालीन एसपी क्राइम द्वारा 60 काउंसलरों की परीक्षा कराई गई। जिसमें 35 काउंसलरों परीक्षा पास की। जिन्हें रखा गया बाकी को हटा दिया गया।

बिना रिन्युअल के चल रहा केंद्र

केंद्र का पांच साल के लिए रजिस्ट्रेशन कराया गया। पिछले साल 24 अक्टूबर 2013 को पूर्ण हो चुका है। अभी यह केंद्र बिना रिन्युअल के चल रहा है।

अधिकारियों की बेरुखी

परामर्श केंद्र पर कोई सक्षम अधिकारी न बैठने के कारण आने वाले मामलों में केवल तारीख मिल रही हैं। काउंसलरों को यह राइट नहीं दिया गया है कि वह किसी पर दबाव डालकर बुला सके।