हाई कोर्ट ने कहा, सरकारी अस्पताल में ही इलाज कराएं सरकारी अधिकारी व कर्मचारी

चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए हाई कोर्ट ने प्रत्येक जिले में विजिलेंस टीम गठित करने का दिया निर्देश

सरकारी कर्मचारी हो या अधिकारी वह सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही इलाज कराए। प्राइवेट में इलाज कराने वाले की बिल का भुगतान राजकोष से न किया जाय। यह आदेश शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिया है। कोर्ट ने प्रदेश की खस्ताहाल चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए डाक्टरों व अन्य स्टाफ के रिक्त पदों को शीघ्र भरने का निर्देश दिया है। अस्पतालों का कैग से ऑडिट कराने और सरकारी डाक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने के लिए प्रत्येक जिले में विजिलेंस टीम के गठन का निर्देश दिया है। यह आदेश जस्टिस सुधीर अग्रवाल तथा अजित कुमार की खंडपीठ ने इलाहाबाद की स्नेहलता सिंह व अन्य की जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराने और कार्यवाही रिपोर्ट 25 सितंबर 2018 को पेश करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने दिया निर्देश

सरकारी वेतनभोगी कर्मियों सहित सभी सरकारी अधिकारी अपना व परिवार का इलाज सरकारी अस्पताल में करावें

किसी को भी वीवीआइपी ट्रीटमेंट न दिया जाए

ऐसे सरकारी अधिकारी और कर्मचारी जो प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराएं उन्हें इलाज खर्च की भरपाई सरकारी खजाने से न की जाए

सभी सरकारी अस्पतालों का ऑडिट एक साल में कराया जाय

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज इलाहाबाद के ट्रामा सेंटर की हालत पर रिपोर्ट दें

राज्य सरकार अस्पतालों में डाक्टरों व स्टाफ के खाली पदों पर 50 फीसद भर्ती चार महीने में और शेष अगले तीन महीने में करे

हर स्तर के सरकारी अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जाय

कैग सरकारी अस्पतालों व मेडिकल केयर सेंटरों की ऑडिट दो महीने में पूरी करे

विशेष ऑडिट टीम फंड की उपलब्धता व उपयोग के 10 साल की ऑडिट करेगी

अनियमितता मिलने पर संबंधित विभाग दोषी अधिकारी पर कार्रवाई करे

इन अस्पतालों का भी ऑडिट का निर्देश

कोर्ट ने कहा कि बड़े सरकारी अस्पतालों के बाद जिला स्तरीय अस्पतालों की भी ऑडिट की जाए। इसकी जांच दो महीने में पूरी करने के बाद सामुदायिक व प्राथमिक जांच केंद्रों का भी ऑडिट किया जाए। कहाकि सभी प्रक्रिया एक साल में पूरी कर ली जाए।

जांच केंद्रों की होगी विजिलेंस जांच

कोर्ट ने रेडियो डायग्नोसिस और पैथालॉजी सेंटर की विजिलेंस जांच के लिए हर जिले में टीम गठित करने का निर्देश दिया है।

प्राइवेट प्रैक्टिस करते पकड़े गए तो होगी वसूली

कोर्ट ने अपने आदेश में सरकारी डाक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाते हुए कहा कि जो डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हुए पाए जाएं उनसे नॉन प्रैक्टिसिंग एलाउंस की वसूली की जाए। इलाहाबाद में ट्रामा सेंटर की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही करने का भी कोर्ट ने निर्देश दिया है।

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को नोटिस

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने झूठा हलफनामा दाखिल करने पर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज इलाहाबाद के प्राचार्य डा.एसपी सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 340 के तहत आपराधिक मुकदमा कायम किया जाए।