-तकनीकी शिक्षा में वर्चुअल लैब मील का पत्थर साबित हो रही है साबित

-आईआईटी रुड़की के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में वर्चुअल लैब पर वर्कशॉप आयोजित

ROORKEE (JNN) : सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) ने शिक्षा की राह को आसान बना दिया है। गुणवत्तापरक शिक्षा को स्कूल-कॉलेजों में पठन-पाठन के ई-लर्निग तरीके को आज तेजी से अपनाया जा रहा है। तकनीकी शिक्षा में वर्चुअल लैब मील का पत्थर साबित हो रही है। प्रायोगिक ज्ञान में इजाफे का यह बेहद आसान और कारगर तरीका साबित हो रहा है।

प्रैक्टिकल की ज्यादा आवश्यकता

आईआईटी रुड़की के डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की ओर से दो दिवसीय वर्कशॉप का ऑर्गनाइज किया गया। आईआईटी रुड़की डिप्टी डायरेक्टर और इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के डॉ। विनोद कुमार ने कहा कि इंजीनियर शिक्षा में किताबी ज्ञान से ज्यादा प्रायोगिक ज्ञान की आवश्यकता होती है। प्रायोगिक ज्ञान से जुड़ी मशीनें महंगी होने के चलते अधिकांश तकनीकी संस्थान इसे रखने में असमर्थ होते हैं। ऐसे शिक्षण संस्थानों और छात्रों की मुश्किलें कम करने को आईआईटी रुड़की ने मिनिस्ट्री ऑफ ह््यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट (एचएचआरडी) के सहयोग से इलेक्ट्रिकल, सिविल, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और कम्युनिकेशन इंजीनियिरंग के बारे में जानकारी मुहैया कराने को 2009 में वर्चुअल लैब स्थापित किया था।

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निशुल्क यूज करें लैब

अब तक इस लैब का उपयोग केवल आईआईटी के छात्र ही कर रहे थे, लेकिन अब कंप्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से कोई भी तकनीकी संस्थान और छात्र आईआईटी के वर्चुअल लैब में लगी मशीन का निशुल्क इस्तेमाल कर सकते हैं। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ। एमके पाठक ने वर्चुअल लैब के इस्तेमाल संबंधी तकनीकी जानकारी दी। बताया www.vlab.co.in पर इससे जुड़ी जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सकती है। वर्कशॉप में उत्तराखंड के अलावा गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु समेत करीब तीन दर्जन तकनीकी संस्थानों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

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