-कुरीतियों के खिलाफ हाथों ने हाथों को थामा

PATNA: रविवार की सुबह जहां कड़कड़ाती ठंड और कोहरे को चीरते हुए सूर्य धीरे-धीरे आसमान में आगे बढ़ रहा था। वहीं दूसरी ओर बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए बिहारवासी हाथ से हाथ मिला रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे लोग जग चुके हैं और लक्ष्य तक पहुंचने के बाद ही दम लेंगे। आजादी और शराबबंदी के बाद यह तीसरा अवसर था जब इतनी संख्या में लोग हाथ से हाथ थामे एक साथ दो-दो कुरीतियों के खिलाफ जंग छेड़ चुके थे। आपसी भाईचारा, एकता और सद्भाव का पैगाम पूरे व‌र्ल्ड को दे रहे थे। हर शख्स की जुबां पर दहेज प्रथा और बाल विवाह रूपी दानव के खात्मे के लिए सिर्फ एक ही संकल्प। हाथ से हाथ छूटे ना और मानव श्रृंखला टूटे ना। सरकारी पहल और लोगों की सहभागिता से एक बार फिर बिहार ने इतिहास रच दिया। यह सरकारी क्रांति निश्चित रूप से बिहार समेत पूरी दुनिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

और यहां 'श्रृंखला' में फंसे 'मानव' होते रहे परेशान

वहीं दूसरी ओर ऐतिहासिक मानव श्रृंखला की वजह से किसी की ट्रेनें छूट गई तो कोई समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाए। डॉक्टर के साथ परिजन भी जाम में घंटों फंसे रहे। डॉक्टर कहते रहे कि हमें अस्पताल जाना है लेकिन यह सुनने वाला कोई नहीं था। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जाम में फंसे आम पब्लिक से बात की तो सामने आया उनका दर्द

पेशेंट देखना है हमें जाने दो

जाम में फंसे आईएमआई अस्पताल के डॉ कन्हैया अग्रवाल पुलिस प्रशासन से आगे जाने की गुहार लगाते रहे लेकिन किसी ने एक न सुनी। डॉ अग्रवाल ने डीजे आई नेक्स्ट को बताया कि अस्पताल पहुंचकर पेशेंट देखना है। पेशेंट की हालत गंभीर है लेकिन प्रशासन रास्ता देने को तैयार नहीं था।

यहां कोई सिस्टम नहीं है

जाम में फंसे लोग बार-बार चिल्ला रहे थे। यहां कोई सिस्टम नहीं है अगर रास्ता ब्लाक करना था तो पहले से सूचना देनी चाहिए। अचानक रास्ता बंद होने से लोग पूरे दिन प्रभावित रहे। पैदल चलने वाले तो किसी तरह मार्ग निकालते रहे। लेकिन सामान के साथ ट्रेन पकड़ने वाले और ऑफिस जाने वाले जहां-तहां फंसे रहे।

अगर रास्ता बंद करना था तो पहले ही सूचना देनी चाहिए। मगर प्रशासन ने ऐसा नहीं किया।

-डॉ। कन्हैया अग्रवाल, आईएमआई अस्पताल

मानव श्रृंखला का हमलोग विरोध नहीं कर रहे हैं व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं। खराब व्यवस्था की वजह से पूरा दिन प्रभावित हो गया।

-चंदन कुमार, पब्लिक