स्लग: रांची स्टेशन में बना पहला बायो टॉयलेट सफल, आरएमसी ने बनाया प्रस्ताव

-इको और डिजेबल फ्रेंडली टॉयलेट से मिलेगी राहत

RANCHI (12 Mar): रांची नगर निगम अब जल्द ही सिटी में बायो टॉयलेट बनाएगा। ट्रायल के तौर पर रांची रेलवे स्टेशन के बाहर एक बायो टॉयलेट बनाया गया है। इसका प्रयोग सफल रहा है। इससे पानी की तो बचत होगी ही मेंटेनेंस का खर्च भी कम आएगा। यह देखते हुए नगर निगम सिटी में और बायो टॉयलेट बनाने की योजना बना रहा है। जो कि पूरी तरह से इको फ्रेंडली होने के साथ ही डिजेबल फ्रेंडली भी है। ऐसे में नेचुरल कॉल आने पर किसी को परेशानी नहीं होगी और किसी तरह का प्रदूषण भी नहीं होगा।

स्टेशन पर 4 यूनिट का बायाे टॉयलेट

रांची रेलवे स्टेशन के बाहर बिरसा फूड प्लाजा के सामने चार यूनिट का बायो टॉयलेट बनाया गया है। इसमें दो टॉयलेट पुरुषों के लिए और दो महिलाओं के लिए हैं। इसमें स्लोप वे भी बनाया गया है, ताकि फिजिकली चैलेंज्ड को भी दिक्कत न हो।

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यूरिन को वाटर में कर देगा कनवर्ट

बायो टॉयलेट में यूरिन को स्टोर करने के लिए टैंक लगाए गए हैं। इसमें केमिकल डालकर यूरिन को पानी में कनवर्ट कर दिया जाएगा। इससे दुर्गध की समस्या नहीं होगी और ड्रेनेज में बहाया जा सकेगा। यूरिन को पानी में कनवर्ट करने के लिए डीआरडीओ अप्रूव्ड टेक्निक का इस्तेमाल किया जा रहा है।

एक यूनिट बनाने में एक लाख खर्च

माड्यूलर बायो टॉयलेट बनाने में एक यूनिट के लिए एक लाख रुपए खर्च किए जाते हैं। ऐसे में शहर में जितने भी टॉयलेट बनाए जाएंगे, उसमें प्रति यूनिट एक लाख का खर्च आएगा। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है.

वर्जन

बायो टॉयलेट हर तरीके से सही है। इसका सबसे बड़ा फायदा है कि इसमें पानी का खर्च बहुत कम है। इसके अलावा मेंटेनेंस को लेकर भी ज्यादा परेशानी नहीं है। अब हमारी प्लानिंग है कि जहां भी टॉयलेट बनाएंगे वो बायो टॉयलेट ही बनाएंगे।

-डॉ। शांतनु कुमार अग्रहरि, नगर आयुक्त, रांची नगर निगम