- 2 शिफ्ट में बोर्ड एग्जाम कराने के प्रस्ताव के बाद एक माह में हो जाएगा एग्जाम

-मूल्यांकन के लिए मिल पाएगा पूरा समय

DEHRADUN:

सीबीएसई अब हाईस्कूल और इंटरमीडिएड की परीक्षाएं दो शिफ्ट में करा सकती है। अब तक परीक्षाएं एक पाली में कराई जाती थी, जिससे एग्जाम ख् माह तक चलते थे। लेकिन अगर दो शिफ्ट में एग्जाम होते हैं तो परीक्षाएं एक माह में ही खत्म हो जाएंगी।

एमएचआरडी लेगा निर्णय

सीबीएसई बोर्ड की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के लिए अच्छी खबर है। छात्रों को अब बोर्ड एग्जाम के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा। एग्जाम को ख् शिफ्ट में कराने का प्रस्ताव सीबीएसई ने तैयार कर एमएचआरडी को भेजने की बात की है। जिससे एग्जाम ख् महीने के बजाय एक माह तक ही चलेंगे। सीबीएसई का मानना है कि परीक्षाओं में समय लगने के चलते मूल्यांकन के लिए समय नहीं मिल पाता है। वहीं शिक्षक मई में छुट्टियों पर चले जाते हैं, इसके चलते मूल्यांकन का काम बहुत लेट हो जाता है। जिससे मूल्यांकन कार्य भी प्रभावित होता है। सीबीएसई अधिकारियों का कहना है कि परीक्षाएं मार्च में ही कराई जाएंगी। ये प्रस्ताव एमएचआरडी को भेजा जा रहा है। इससे परीक्षाएं दो महीने की बजाए एक महीने में ही पूरी हो जाएंगी।

स्टाफ बढ़ाना होगा

देहरादून स्थित ज्ञानआईस्टाइन के प्रिंसिपल प्रदीप गौड़ का मानना है कि यह एक अच्छी पहल है। इसे लेकर सिस्टम को सही तरह से तैयारी करनी होगी। सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण एग्जाम में शिक्षकों को एग्जाम ड्यूटी के लिए उपलब्ध कराना होगा। अगर दोनों पाली में एग्जाम होते हैं तो ड्यूटी के लिए स्टाफ की भी जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि जहां तक बच्चों की तैयारी की बात है तो इसके लिए बच्चे पर निर्भर करता है कि उसकी तैयारी कितनी है।

एग्जाम फोबिया का डर

डा। मुकुल शर्मा मनोवैज्ञानिक का मानना है कि बच्चों को इसका खासा फर्क पडे़गा। उन्होंने कहा कि पहले बच्चों को रिवीजन के लिए अच्छा समय मिल जाता था। लेकिन इससे रिवीजन न कर पाने से बच्चों को एग्जाम फोबिया भी हो सकता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जो बच्चे अब तक लंबे गैप के लिए मांइड सेट लेकर चल रहे थे। उनके लिए भी ये फैसला मुश्किल खड़ी कर सकती है।