आंगनबाड़ी और जेलों में भी नीरा उत्पादों की होगी आपूर्ति

क्चढ्ढ॥न्क्त्रस्॥न्क्त्रढ्ढस्नस्न/क्कन्ञ्जहृन्: नीरा उत्पादकों को पौष्टिकता से भरपूर जगरी, पेड़ा, ताल मिश्री, चीनी और आइसक्रीम बनाने की ट्रे¨नग दी जाएगी। इसके उत्पादक से जुड़े हर पहलू की जानकारी प्रशिक्षण में मौजूद प्रशिक्षकों से मांगी गई। यह बातें हरदेव भवन सभागार में नीरा के संबंधित प्रशिक्षकों से नालंदा के डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने कही। उन्होंने कहा कि नीरा उत्पादन में उपयोग होने वाले उपकरणों की सफाई, उसका चूना से को¨टग किए जाने की प्रक्रिया पर भी खास ध्यान देकर प्रशिक्षित करें। डीएम ने उत्पाद विभाग के अफसरों से कहा कि पुराने नीरा उत्पादकों के लाइसेंस नवीनीकरण के आवेदन जमा करने की जिम्मेदारी जीविका को दें।

उत्पादन का लाइसेंस तत्काल दें

डीएम ने कहा कि उत्पाद विभाग के पदाधिकारी जीविका द्वारा जैसे आवेदन उनको दिया जाय। आवेदकों को नीरा उत्पादन का लाइसेंस तत्काल निर्गत कर दें। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षक खास तौर पर नीरा उत्पादकों को बताएं कि वे नीरा बनाते वक्त उसमें पानी न मिलाएं और कोल्ड चेन मेंटेन करने पर विशेष ध्यान दें। डीएम ने जीविका से कहा कि वे नीरा उत्पादक कोल्ड चेन मेंटेन करें। इसके लिए आइस बाक्स की व्यवस्था कर दे। डीएम ने बताया कि बचे हुए नीरा से जो उत्पादक जगरी, पेड़ा, ताल मिश्री, चीनी व आइसक्रीम बनाएंगे उनके द्वारा बनाए गए उत्पादों की पौष्टिकता को देखते हुए उसकी सप्लाई अस्पताल, आंगनबाड़ी केंद्र, मध्यान भोजन और जेल में किया जाएगा।

कलेक्शन प्वॉइंट बनाएं

डीएम ने कहा कि इन जगहों पर नीरा उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए वे जल्द स्तर पर पदाधिकारियों से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि नीरा उत्पादन समूहों के नजदीक ही उसका कलेक्शन प्वाइंट बनाएं। नीरा कलेक्शन प्वाइंट में नीरा की गुणवत्ता जांचने और वजन नापने के उपकरण उपलब्ध कराएं।

19 तक प्रोजेक्ट बनाने का आदेश

मुआवजा मिलने से दुर्घटना का शिकार के परिवार का भरण-पोषण में कोई दिक्क्त न हो। प्रशिक्षकों को डीएम ने कहा कि नीरा उत्पादकों को प्रशिक्षण देने के लिए 19 मार्च तक कार्य योजना बनाकर सघन प्रशिक्षण देना शुरू कर दें। इस अवसर पर बैठक में काम्फेड के प्रबंध निदेशक, जिला उद्योग केंद्र के महा प्रबंधक, सभी एक्साइज इंस्पेक्टर, बीपीएम जीविका उमाशंकर भगत के अलावा सभी मास्टर ट्रेनर मौजूद थे।