* बीजिंग ने कहा, हमारे नागरिकों का चारागाह रहा है यह क्षेत्र* भारत सेना हटाए तभी करेंगे सिक्किम सेक्टर पर बातचीतसिक्किम सेक्टर पर बातचीत:

चीन ने बातचीत के लिए शुक्रवार को अपना पुराना राग दोहराया है। बीजिंग ने कहा है कि भारतीय सेना ने 18 जून को उसकी सीमा में कदम रखा था। चीन ने कहा है कि सार्थक बातचीत का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन भारतीय सेना के विवादित क्षेत्र से हटने के बाद ही वह सिक्किम सेक्टर पर बातचीत करेगा।चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा, 'हम डोंगलोंग क्षेत्र को प्रशासनिक दायरे में लाने में जुटे हैं।

चीन ने फिर दादागीरी द‍िखाते हुए अब डोंगलोंग पर दावा ठोका,भारत चिंतित

अपने पशु को वहां चराते रहे:

सीमा के आसपास रहने वाले हमारे नागरिक अपने पशु को वहां चराते रहे हैं। इस सुबूत को भूटान ने माना है।'चीन ने भूटान सरकार के आरोपों का जवाब देते हुए डोंगलोंग पर दावा किया है। भूटान सरकार ने चीन पर सीमा समझौते का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाया है। दोनों देशों के बीच विवादित क्षेत्र में चीन सड़क निर्माण करा रहा है। भूटान ने इसपर आपत्ति की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार भी डोंगलोंग क्षेत्र तिब्बत का है।

अपने क्षेत्र में वापस जाना होगा:

1960 से पहले भूटान के लोग इस क्षेत्र में पशु चराने के लिए चीन से अनुमति लेते थे। चीन के अंतिम राजवंश किंग वंश के समय से ही डोंगलोंग चीन के अधीन था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा कि भारतीय सेना ने पहली बार सक्किम के समीप स्थित विवादित डोंगलोंग इलाके में कदम रखा है। भारतीय सेना ने वहां बन रही सड़क का काम रोकने के लिए यह कदम उठाया। बातचीत के लिए भारतीय सेना को अपने क्षेत्र में वापस जाना होगा।

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भारत ने कहा,सुरक्षा के लिए जटिल है चीन की सड़क

भारत ने सिक्किम के समीप डोंगलोंग क्षेत्र में चीन की बन रही सड़क पर गंभीर चिंता जताई है। भारत ने बीजिंग से स्पष्ट कर दिया है कि यह भारत के सामने गंभीर सुरक्षा जटिलताएं पैदा करने वाली साबित हो रही है। इसके साथ ही इससे यथास्थिति में उल्लेखनीय बदलाव भी हो रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सभी पक्षों को अपनी द्विपक्षीय समझ का सम्मान करना चाहिए और स्थिति में एकतरफा बदलाव से बचना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन को इस बात से अवगत करा दिया गया है।

क्यों है भारत चिंतित

सिक्किम और भूटान के बीच एक हिस्से पर चीन का पुराना दावा है। यह ऐसा इलाका है जिसके एक तरफ सिक्किम की लंबी सीमा लगती है। भारत ने यहां सड़क मार्ग बना कर अपनी स्थिति सुधार ली है। दूसरी तरफ चीन के हिस्से में 250 वर्ग किलोमीटर का ऐसा इलाका है जिसको लेकर भूटान के साथ विवाद है। चीन इसी हिस्से में ही सड़क निर्माण कर रहा है। चीन की सड़क बन जाने से भारत पर सुरक्षा दबाव बढ़ जाएगा।

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