-डिप्टी सीएम ने बैंको से कहा, प्रदेश के हर जिले में बनाएं एक सिक्का काउंटर

क्कन्ञ्जहृन्:अब हर जिले में एक बैंक में सिक्का जमा करने के लिए अलग से काउंटर खोला जाएगा। यह निर्देश मंगलवार को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की मीटिंग में डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सुशील मोदी ने दिया। उन्होंने बताया कि बैंकों के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 1.10 लाख करोड़ रुपए ऋण के रूप में बांटने का लक्ष्य है। उन्होंने बैंकों द्वारा लक्ष्य का 95 प्रतिशत पूरा करने की उम्मीद जताई। एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की रकम ऋण के रूप में बांटी जाएगी। प्रदेश में दुकानदार, व्यापारी से लेकर बैंक तक सिक्के लेने में आनाकानी कर रहे हैं। इस परेशानी को खत्म करने के लिए सुशील मोदी ने सिक्का जमा करने का काउंटर खोलने का निर्देश दिया है। इनके खुलने का समय भी निर्धारित होगा।

कैंप लगा बटेंगे क्रेडिट कार्ड

डिप्टी सीएम ने कहा कि गांवों में फिर से कैंप लगाकर किसान क्रेडिट कार्ड बांटे जाएंगे। यह व्यवस्था अभी बंद थी। उन्होंने बताया कि बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋण में पिछले दस वर्षो में दस गुना वृद्धि हुई है। 2007-08 में 10,782 करोड़ रुपए ऋण बांटे गए थे, जबकि 2017-18 में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक के लोन वितरित होंगे। उन्होंने बैंकों को पांच और दस लाख तक के ऋण की संख्या बढ़ाने को कहा। स्वयं सहायता समूहों की चर्चा करते हुए बताया कि दो लाख को बैंक से जोड़ने का लक्ष्य था जिसमें से 1.19 लाख के खाते खोले जा चुके हैं। इन्हें दो हजार करोड़ रुपये ऋण के रूप में उपल?ध कराए गए हैं।

जेंडर बजट पर स्टेटस रिपोर्ट जारी

महिला विकास निगम, जेंडर रिसोर्स सेंटर द्वारा तैयार की गई किताब 'स्टेटस रिपोर्ट ऑन जेंडर बजटिंग इन बिहार - ए वे फारवर्ड' को डिप्टी सीएम एवं वित्त मंत्री सुशील मोदी ने जारी किया। इस अवसर पर सहकारिता मंत्री राणा रणधीर, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, प्रधान सचिव, वित्त सुजाता चतुर्वेदी, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक एनपी टोपनो,

नाबार्ड के सीजीएम एसके मजुमदार, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सीजीएम संदीप तिवारी, जेंडर रिसोर्स सेंटर के प्रिंसिपल कंसल्टेंट आनंद माधव समेत अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

22 डिपार्टमेंट से ली गई जानकारी

महिला विकास निगम की मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ एन विजय लक्ष्मी ने बताया कि इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए बिहार सरकार के 22 डिपार्टमेंट के इनपुट और तकनीकी जानकारी ली गई है। जेंडर रिसोर्स सेंटर राज्य भर में जेंडर बजटिंग के लिए नोडल एजेंसी है। जेंडर को मुख्यधारा में लाने के लिए जीआरसी गतिशील है।