- परिवहन नीर की खाली बोतल में भर देते हैं गंदा पानी

- सील टूटी बोतलों को वापस दे रहे हैं डीलर्स को

LUCKNOW: परिवहन नीर की बोतलों में गंदा पानी भर कर डीलर्स को वापस किया जा रहा है, जबकि पानी बेचकर मिलने वाली रकम परिचालकों की जेब में जा रही है। यह हाल है बसों में यात्रियों के लिए रखे जाने वाले परिवहन नीर का। इस बात की कम्पलेन भी परिवहन निगम के अधिकारियों से की गई, लेकिन अभी तक इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है। रोजाना एक बस से तीन से चार बोतलें इस तरह की आ रही हैं।

परिवहन मंत्री ने किया था उद्घाटन

यूपी रोडवेज की यात्रियों को चलती बसों में पानी मिल सके, इसके लिए बसों की अंदर परिवहन नीर बेचे जाने की योजना 11 मई से शुरू हुई। इस योजना का उद्घाटन खुद परिवहन मंत्री यासर शाह ने किया। डिमांड को बढ़ता देख इसे प्रदेश भर में लागू कर दिया गया। एक पेटी में एक लीटर वाली 12 बोतलें रखी जाती हैं। एक लीटर पानी का मूल्य 14 रुपए निर्धारित है। पानी बेचने की जिम्मेदारी परिचालकों को दी गई। इस योजना के प्रमोशन के लिए परिचालकों को भी आर्थिक लाभ देने की मंजूरी दी गई। एक बोतल की सेल पर परिचालक को दो रुपए मिलने हैं।

पेटी में रहती है बर्फ

अब परिचालकों के लिए पानी की यह बोतलें कमाई का जरिया बन गई है। यूपी रोडवेज के कर्मचारियों ने बताया कि पेटी में पानी को ठंडा रखने के लिए चार से पांच किलो बर्फ लगाई जाती है। सफर के दौरान यह बर्फ गल जाती है। ऐसे में परिचालक बसों में परिवहन नीर बिकने के बाद यात्रियों से खाली बोतल ले लेते हैं और उसमें पेटी के अंदर गल चुकी बर्फ का पानी भर देते हैं। हाल यह है कि पेटी में बर्फ गलने के बाद तीन से चार बोतलें आसानी से भरी जा सकती हैं। ऐसे में कई परिचालक बोतलों में गंदा पानी भर कर डीलर्स को वापस कर देते हैं।

कई जगहों से आ चुकी है शिकायतें

यूपी रोडवेज के विभिन्न बस स्टेशनों के एआरएम के अनुसार परिवहन नीर की सप्लाई करने वालों ने इसकी कम्पलेन की है। इस मामले में अधिकारियों को लिख कर दे दिया गया है। अब वहां से आने के बाद ही कोई एक्शन लिया जा सकता है।

कोट

यदि परिचालक परिवहन नीर की बोतलों में गंदा पानी भर रहे है तो यह गलत है। इस मामले की जल्द ही जांच कराई जाएगी।

एके सिंह, आरएम, लखनऊ परिक्षेत्र