शहर में क्राइम कर भागने वाले बदमाशों पर नई मुसीबत आने वाली है। किसी भी अपराध में शामिल रहे बदमाशों की तलाश में लगी पुलिस यू-ट्यूब का इस्तेमाल करेगी। यू-ट्यूब पर वीडियो अपलोड कर पुलिस अधिकारी बदमाशों की करतूत आमजन तक पहुंचाएंगे। यू-ट्यूब पर अपराधियों का वीडियो वायरल होने से उनको आसानी से पकड़ा जा सकेगा। आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि बदलते जमाने के साथ अपराधियों के तौर-तरीके बदल रहे हैं। इसलिए उनसे निपटने के लिए पुलिस भी नए प्रयोग कर रही है।

चस्पा नहीं हो पाते बदमाशों के पोस्टर

शहर में होने वाली वारदातों में शामिल बदमाशों की तलाश के लिए पुलिस पारंपरिक तौर-तरीकों का इस्तेमाल करती है। बदमाशों की धर पकड़ में नाकामी मिलने पर पुलिस उनके खिलाफ वारंट जारी कराती है। बदमाशों की गिरफ्तारी न होने पर कोर्ट के आदेश पर उनकी प्रापर्टी कुर्क कर ले जाती है। लेकिन यह प्रक्रिया पूरी करने में पुलिस को काफी समय लग जाता है। इनामिया बदमाशों को पकड़ने के लिए जगह-जगह पोस्टर भी चस्पा कराए जाते हैं। लेकिन बदलते जमाने के साथ पोस्टर लगाने का महत्व कम हो चला है। हाईटेक होते बदमाशों के लिए पुलिस हाइटेक तरीके अपनाने की जुगत में लगी है।

 

मोबाइल नंबर, ई-मेल एड्रेस पर सूचना

पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि बदमाशों से संबंधित सीसीटीवी फुटेज को यू-ट्यूब पर अपलोड कर दिया जाएगा। पुलिस की अन्य गतिविधियां भी यू-ट्यूब पर डाली जाएगी। किसी क्राइम में शामिल बदमाशों की सीसीटीवी फुटेज, उनसे जुड़ी डिटेल देखकर लोग आसानी से पुलिस को सूचना दे सकेंगे। सूचना देने के लिए यू-ट्यूब पर अपलोड वीडियो के साथ पुलिस अधिकारियों के मोबाइल नंबर, ई-मेल एड्रेस और व्हाट्सअप नंबर्स भी दिए जाएंगे। कई बार ऐसा होता है कि अपराध करने के बाद बदमाश गली-मोहल्लों में छिपे रहते हैं। लेकिन पहचान के अभाव में पब्लिक उनकी गिरफ्तारी में पुलिस की कोई मदद नहीं कर पाती। इससे दिनदहाड़े लूटपाट, छिनैती, चोरी, वाहन चोरी, मर्डर, एटीएम केबिन में जालसाजी, दुकानों में घुसकर दबंगई करने की घटनाओं पर लगाम कस सकेगी।

 

कुछ जिलों में इस तरह का प्रयोग शुरू हो चुका है। इसके संबंध में जोन के सभी पुलिस अधिकारियों से बात की जाएगी। यू-ट्यूब पर बदमाशों, घटनाओं की डिटेल मौजूद होने से कोई भी आसानी से उनको पहचान कर पुलिस को सूचना दे सकेगा। इस अभियान से बदमाशों की धर-पकड़ में सहूलियत मिलेगी।

मोहित अग्रवाल, आईजी जोन