ALLAHABAD: प्लेटफार्म के साथ ट्रेनों में आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाना है तो अपराधियों पर दबाव बनाएं। कोई भी क्रिमिनल अपराध से तभी दूर होगा, जब वह उसके लिए घाटे का सौदा साबित हो। इसलिए अपराधियों को गिरफ्तार करें, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। बुधवार को इलाहाबाद पहुंचे एडीजी रेलवे वीके मौर्या ने पुलिस मुख्यालय में आयोजित मीटिंग में थानाध्यक्षों व जीआरपी के अधिकारियों को कुछ इसी तरह का निर्देश दिया।

 

जीरो टॉलरेंस है प्राथमिकता

मीडिया से बातचीत करते हुए एडीजी रेलवे ने कहा कि जीआरपी अब केवल प्लेटफार्म या रेलवे लाइन तक ही सीमित नहीं रहेगी। गांवों में पहुंच कर दबिश देगी। कौन कहां दबिश देगा, इसका प्लान बनाया जाएगा। दबिश में स्थानीय पुलिस भी जीआरपी की मदद करेगी। जीआरपी के जवान क्राइम में शामिल होंगे तो जेल जाएंगे। जीरो टॉलरेंस जीआरपी की प्राथमिकता है।

 

मोबाइल नंबर पब्लिक से शेयर करें

एडीजी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जीआरपी के जवान केवल कंपार्टमेंट तक सीमित न रहें, बल्कि अपना नाम व मोबाइल नंबर पब्लिक से शेयर करें। अब ट्रेन के एसी कोच के अटेंडेंट की जिम्मेदारी तय होगी कि कोच में बाहरी व्यक्ति यात्रा ना करे। किसी यात्री का सामान बाहरी पैसेंजर चोरी करता है तो जवाबदेही कोच अटेंडेंट की होगी।

 

जो पहले पहुंचेगा केस दर्ज करेगा

सवाल उठा कि एक तरफ जीआरपी और पुलिस को आपस में मर्ज करने की बात चल रही है तो दूसरी ओर आए दिन दोनों सीमा विवाद में उलझे नजर आते हैं। जवाब देते हुए एडीजी ने कहा कि अधिकारियों व थानाध्यक्षों को आदेश दिया गया है कि अब जो भी पहले मौके पर पहुंचेगा, मुकदमा दर्ज करेगा, यह बाद में तय होगा कि मामला किसकी सीमा क्षेत्र का है।

 

अब नहीं होगा कोई भेदभाव

यह भी सवाल उठा कि दबी जुबान जीआरपी के जवान आरोप लगाते हैं कि उन्हें अवकाश देने में भेदभाव होता है। कुछ आसानी से अवकाश पा जाते हैं तो कुछ को इसके लिए काफी पापड़ बेलने पड़ते हैं। जवाब में एडीजी ने बताया कि अब यह समस्या नहीं रहेगी। समाधान के लिए सॉफ्टवेयर डेवलप किया जा रहा है। वह खुद ही इसकी मॉनिटरिंग कर लेगा कि अवकाश सभी को बराबर मिले। इसके लिए ऑटो मॉनिटरिंग की व्यवस्था होगी। बातचीत के दौरान एसपी रेलवे पीके मिश्रा, आईजी रमित शर्मा, एसएसपी आकाश कुलहरि, सीओ जीआरपी मोनिका चढ्डा आदि मौजूद रहे।