-एक्सक्लूसिव

- वेस्ट कैंपस में बनाया जाएगा इनोवेशन एण्ड इन्क्यूबेशन हब

- इनोवेटिव आइडिया का मालिक कैंपस की सुविधाएं ले सकेगा

- आईआईटी की तर्ज पर कैंपस से मिलेगा सपोर्ट

KANPUR:

आईआईटी की तर्ज पर ही एचबीटीयू में इनोवेशन एण्ड इन्क्यूबेशन हब बनाने का प्लान तैयार कर लिया गया है। यूनिवर्सिटी के अस्तित्व में आते ही 30 से 40 करोड़ की लागत से इनोवेशन एण्ड इन्क्यूबेशन हब डेवलप किया जाएगा। इस हब की खास बात यह होगी कि एचबीटीयू के अलावा आउट साइडर्स को भी यहां पर कंपनी बनाने का अवसर मिलेगा। शर्त सिर्फ इतनी होगी कि उसके आइडिया में दम हो, जिसे एक्पसर्ट की कमेटी स्वीकार कर ले। अगर कमेटी ने आइडिया रिजेक्ट कर दिया तो फिर हब में एंट्री नहीं मिलेगी। एचबीटीयू की कायाकल्प का दौर 1 सितंबर से शुरू हो जाएगा। हब का इंचार्ज डीन इनोवेशन एण्ड इन्क्यूबेशन हब होगा।

यूनिवर्सिटी का इन्फ्रास्ट्रक्चर यूज कर सकेंगे

हब में जिसे कंपनी खोलने या काम करने की इजाजत मिलेगी उसे ऑफिस के लिए पूरा सेटअप उपलब्ध कराया जाएगा। यही नहीं उसे रहने के लिए वन रूम सेट भी उपलब्ध कराया जाएगा। हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी की लैब में काम करने की उसे आजादी मिलेगी। अगर वह किसी प्रोफेसर को मेंटर बनाना चाहेगा तो उसे यह सुविधा भी मिलेगी। अगर किसी कैंडिडेट के पास स्किल है और उसे वह टेक्नोलॉजी से अपडेट करना चाहता है तो उसे भी हब में काम करने का अवसर दिया जाएगा।

5 हजार स्क्वायर मीटर में हब बनेगा

हब में काम करने वाले टेक्निकल यूनिवर्सिटी के छात्र या फिर आउट साइडर के लिए वेस्ट कैंपस में 5 हजार स्क्वायर मीटर एरिया में हब बनाया जाएगा। हब को डेवलप करने के लिए गवर्नमेंट करीब 40 करोड़ रुपए खर्च करेगी। कैंडिडेट को 2 से 20 लाख रुपए तक लोन काफी कम ब्याज दर पर मिलेगा। इसके लिए कैंडिडेट को 15 से 20 परसेंट पूंजी की व्यवस्था खुद करनी होगी। डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री लोन देने में इनोवेटिव आइडिया वाले होनहार को प्रायोरिटी देगी, लेकिन एक्सपर्ट के ग्रीन सिग्नल के बाद ही लोन मिलेगा।

'एचबीटीयू बनने के बाद इनोवेशन एण्ड इन्क्यूबेशन हब बनाया जाएगा। इसमें किसी भी टैलेंटेड कैंडिडेट को मौका मिलेगा। स्टूडेंट अपनी कंपनी बनाकर दूसरों को भी रोजगार देने की स्थिति में होंगे। हब करीब 40 करोड़ से डेवलप किया जाएगा.'

- प्रो डीबी शाक्यवार, डायरेक्टर एचबीटीआई