क्या है कंपनी का मकसद  
हॉन्डा की ओर से इसके ग्लोबल रिकॉल को लेकर कंपनी की ओर से जानकारी दी गई है कि कुछ चुनिंदा मॉडल्स में ड्राइवर साइड के एअर बैग्स को बदला जाएगा. इन मॉडल्स में ब्रायो की 1,040 इकाइयां, हॉन्डा अमेज की 1,235 और हॉन्डा सीआर-वी की 63 इकाइयां शामिल होंगी. ये मॉडल्स 2011 से 2014 के बीच के होंगे. HCIL की ओर से बताया गया है कि कंपनी इस रिकॉल पॉलिसी को हॉन्डा की वैश्विक याद के रूप में अंजाम देने जा रही है. वहीं HCIL का यह भी कहना है कि इस तरह के पार्ट्स रिप्लेसमेंट के जरिए कंपनी अपने उपभोक्ताओं को प्रोडक्ट की बेहतर और स्टैंडर्ड क्वालिटी उपलब्ध कराना चाहती है.  

सभी उपभोक्ताओं को दी जाएगी एक-एक करके जानकारी
HCIL का कहना है कि कंपनी की ओर से गाड़ियों में ये रिप्लेसमेंट फ्री ऑफ कॉस्ट यानी नि:शुल्क किया जा रहा है और गाड़ियों के सभी मालिकों को अलग-अलग, एक-एक करके इससे संबंधित सूचना दे दी जाएगी. पिछले सप्ताह निसान ने भी अपने माइक्रा और मिड साइज्ड सिडान सनी मॉडल्स की 9,000 इकाइयों को उनमें खराब एअरबैग्स को बदलने के लिए रिकॉल किया है.   

इससे पहले किन कंपनियों ने रिकॉल की कौन सी गाड़ियां  
सबसे पहले जुलाई 2012 में भारत में ऑटो उद्योग की बॉडी SIAM ने मैन्युफैक्चरिंग गड़बड़ियों को लेकर अपनी गाड़ियों को रिकॉल करना शुरू किया था. तब से अब तक मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टोयोटा, फोर्ड, होंडा और जनरल मोटर्स सहित कई निर्माताओं ने करीब सात लाख गाडि़यों को मेन्युफैक्चरिंग के लिए वापस बुलाना शुरू कर दिया. पिछले महीने मारुति सुजुकी इंडिया ने अपने मार्च 2010 से अगस्त 2013 के बीच के डिजायर, स्विफ्ट और रिट्ज मॉडल की 69,555 गाडि़यों को wiring harness fitment के लिए रिकॉल करवाने की घोषणा की. इससे पहले इसी साल अप्रैल में मारुति सुजुकी ने भारत में Ertiga, स्विफ्ट और डिजायर की 12 नवंबर 2013 से 4 फरवरी 2014 के बीच के बने मॉडल्स की 1,03,311 इकाइयों को कुछ तकनीकी गड़बडि़यों के कारण रिकॉल करवाया. पिछले साल जनरल मोटर्स इंडिया ने अपने मल्टी युटीलिटी व्हिकल टवेरा की 1,10,000 इकाइयों को कुछ स्पेसिफिकेशन इश्यू के कारण रिकॉल कराया था.

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