क्रिकेट फॉर्मेट के मुताबिक गेम चेंज करना कितना डिफिकल्ट है

दिमागी रूप से बहुत मुश्किल है फॉर्मेट के मुताबिक ढलना। आपको टेस्ट  क्रिकेट में पहली बॉल से ही संभलकर खेलना है, लेकिन प्रोफेशनल होने के नाते ये मेरा चैलेंज है। उम्मीद रहती है कि जरुरत के मुताबिक मैं अपना गेम चेंज करूं। जब भी मुझे मौका मिले तो मैं परफॉर्म करूं। मुझे अभी बहुत दूर जाना है, लेकिन मैं बहुत कुछ सीख रहा हूं। मैं विदेश में अच्छा करना चाहता हूं। मैं अपने खेल पर बहुत वर्क कर रहा हूं। उम्मीद है सही ट्रैक पर जा रहा हूं।

धवन के साथ बैटिंग कितना आरामदायक है?

 धवन इस समय अपनी पीक पर हैं, उनमें गजब का कांफीडेंस है और वो अपनी बल्लेबाजी में बेस्ट दे रहे हैं। हम दोनों मैदान और उससे बाहर बहुत अच्छे दोस्त हैं। उनके साथ बल्लेबाजी करना शानदार है। हम दोनों मैदान पर दोस्त की तरह खेलते हैं। प्रेशर सिचुएशन को हम आराम से हैंडल कर लेते हैं, उम्मीद है ये जारी रहेगा। वो बहुत अच्छा बॉल को स्ट्राइक कर रहे हैं। जब आप सोचते हैं कि आपका पार्टनर अच्छी बल्लेबाजी कर रहा है तो आप समय ले सकते हैं और रिस्क भी नहीं लेना चाहते हैं। अगर वो स्ट्रगल कर रहे होते हैं तो मेरी कोशिश होती है कि मैं लगातार सिंगल्स लूं, जिससे उन्हें मुश्किल ना हो।

टीम में जगह जाने का डर रहता है?

बिल्कुल, ये लाइफ है। आप अपने चांस का वेट करते हैं और जब आपको ये मौका मिलता है तो आपको इसे भुनाना पड़ेगा। इस उम्मीद में कि दूसरे फेल हो जाएं तो मुझे चांस मिले। मैं इस तरह से क्रिकेट नहीं खेलना चाहता हूं। मुझे खुशी है कि जब से मैनें वापसी की है, मैंने अच्छा किया है।

रणजी ट्रॉफी में डिफरेंट विकेट पर खेलना होता है, कितना अच्छा है करियर के लिए?

नार्थ इंडिया में ठंड शुरू हो चुकी है। विकेट फ्रेश हैं और यहां थोड़ा बहुत सीम मूवमेंट भी है। आप अगर साउथ जाएंगे तो वहां आपको अधिक स्पिन और बाउंसी ट्रैक मिलेंगे। ये एक बहुत अच्छा प्लेटफार्म है हमारे लिए लगातार मैच खेलने का। अगर आप टीम में जगह नहीं बना पाते तो रणजी ट्रॉफी एक आइडियल प्लेटफॉर्म है हमारे लिए लगातार मैच खेलने का। ये एक ऐसा प्लेस है जहां हम सोच सकते हैं कि हमें किस क्षेत्र में सुधार करना है। कैसे हम अपनी पारी आगे बढ़ा सकते हैं। मैं अधिक से अधिक गेम खेलना चाह रहा हूं। क्योंकि ये ही एक बेहतर तरीका भी है।

 सचिन की सीनियरिटी कितनी हैल्प फुल हुई?

100 प्रतिशत हेल्प करती है। वो 24 साल से लगातार बिना ब्रेक के खेल रहे थे। हमारे लिए उनका स्थान लेना आसान नहीं है लेकिन हम उस लेवल तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।

 वेस्टइंडीज सीरीज के दौरान आप पर प्रेशर था?

- व्यक्तिगत कहूं तो हां, क्योंकि मैं जानता था कि मैं अगली सीरीज खेलने जा रहा था। मुझमें बहुत अच्छा कांफीडेंस था। मैंने अपनी उम्मीद से अपने को नीचे देखा। मेरा खेल अच्छे से उभरकर नहीं आ रहा था। मैंने इस बीच लांगर वर्जन क्रिकेट नहीं खेली थी। क्रिकेट फार्मेट के मुताबिक खुद को मेंटली ढालने के लिए एक अच्छा नेट सेशन जरूरी है। जो आपका माइंड सेट कर सकता है। मैंने टी-20 क्रिकेट खेला फिर चार दिवसीय क्रिकेट, उसके बाद टेस्ट क्रिकेट और अब रणजी ट्रॉफी। फॉर्मेट के लिए खुद को चेंज करना, बैटिंग स्टाइल चेंज करना आसान नहीं है।