-राजगीर में इंटरनेशनल बौद्ध सम्मेलन का समापन

PATNA/BIHARSHARIFF: रेस्तरां, पार्टी और प्रोग्राम्स आदि में मासूमों की हत्या हो रही है। इतना ही नहीं, लोग हिंसा की जिम्मेदारी का दावा भी करते हैं। इस हिंसा से मानवता खतरे में है। बामियान में बौद्ध प्रतिमाओं को नष्ट किया गया। पूरे विश्व में धरोहर निशाने पर है। आज नदी और पहाड़ ही नहीं, लोगों का मस्तिष्क भी प्रदूषित हो रहा है। यक्ष प्रश्न है कि इसे कैसे रोका जाए? यह बातें संडे को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राजगीर में कही। वे इंटरनेशनल बौद्ध सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। गवर्नर रामनाथ कोविंद, सीएम नीतीश कुमार, नव नालंदा महाविहार के वीसी एमएल श्रीवास्तव और यूनिवर्सिटी ऑफ ति?बतन स्टडीज, सारनाथ के नवांग संगतेन समेत फ्0 देशों के बौद्ध भिक्षु आदि उपस्थित थे।

इतिहास करता है याद

राष्ट्रपति ने कहा कि बुद्ध की शिक्षा से मानव सभ्यता पर साकारात्मक असर पड़ा है। बुद्ध की शिक्षा से ही अशोक संत बन गए। इतिहास मानव सभ्यता के लिए काम करने वाले अशोक को याद करता है। उन्होंने कहा कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद रवींद्रनाथ टैगोर ने उस समय एक कविता लिखी थी, जब आईस्टीन को देश से इसलिए निकाल दिया गया था, क्योंकि वह एक यहूदी थे। अपनी कविता में उन्होंने गुस्से में सभी से पूछा था, आप सभी क्यों खामोश हैं। तब एक व्यक्ति ने पत्र लिखकर उन्हें कहा था कि आप बहुत भावुक हो गए हैं।

दुनिया को बेहतर बनाने में करें मदद राष्ट्रपति ने प्राचीन नालंदा, तक्षशिला और विक्रमशिला यूनिवर्सिटी की चर्चा करते हुए कहा कि यहां दुनिया के छात्र और शिक्षक ज्ञान के लिए आते थे। इन केंद्रों में आजाद माहौल था। यूनिवर्सिटी को पूर्वाग्रह से मुक्त होना चाहिए। उन्होंने प्रतिनिधियों से कहा कि वापस जाने के बाद इस दुनिया को बेहतर बनाने के लिए मेहनत करें। गवर्नर रामनाथ कोविंद और सीएम नीतीश कुमार ने भी अपनी बातें रखीं। एमएल श्रीवास्तव ने स्वागत किया और धन्यवाद ज्ञापन नवांग संगतन ने किया।