DEHRADUN: सीबीएसई के रिजल्ट और मार्कशीट्स में अब गलती की गुंजाइश नहीं रहेगी। गलतियों के सुधार के लिए बनाया गए सॉफ्टवेयर को पूरी तरह अपडेट कर लिया गया है। जो परीक्षा परिणाम की नंबरिंग और जोड़ में एक भी एरर होने पर रेड सिग्नल दिखाएगा। इसके बाद भी अगर छात्रों को किसी भी तरह की आपत्ति होगी तो वह अपनी आंसर शीट की फोटो कॉपी के साथ बोर्ड में कम्प्लेन कर सकता है।

 

शत-प्रतिशत सुधार का दावा

परीक्षा परिणामों में सुधार करने की सीबीएसई की कवायद पूरी हो गई है। शत-प्रतिशत गलतियों को सुधारने के लिए सीबीएसई ने पिछले साल लाए गए आउट लायर सॉफ्टवेयर को पूरी तरह अपडेट कर लिया है। अब यह परिणाम जारी होने से पहले ही छात्रों की उत्तर पुस्तिका व अन्य विषयों में मिले परिणामों को जांच कर गलतियों को सिग्नल के माध्यम से सूचित करेगा। जिससे मार्कशीट की गलतियां पकड़ में आ सकेंगी। परिणाम तैयार होने के बाद सॉफ्टवेयर ग्रीन सिग्नल भी देगा।

 

5 साल तक कर सकेंगे शिकायत

मार्कशीट में गलतियां सुधारने के लिए छात्रों को भ् साल का समय भी दिया जाएगा। जो अब तक एक वर्ष मिलता था। इसके जरिए मार्कशीट में डेट ऑफ बर्थ या नाम की स्पेलिंग में गलती आदि को सुधार किया जा सकेगा। एक्सप‌र्ट्स की मानें तो मार्कशीट में अगर किसी छात्र के अंको के जोड़ में गड़बड़ी, फ् विषयों में अधिक अंक हैं मगर अन्य विषयों में काफी कम मा‌र्क्स हैं तो सॉफ्टवेयर रेड एरर दिखाएगा। सॉफ्टवेयर में कॉपी के अंक चढ़ने के बाद जैसे ही कंपाइलिंग का बटन दबेगा सॉफ्टवेयर एरर पकड़ लेगा। रेड कलर को एरर फ्री करने के लिए ग्रीन करना होगा, इसके लिए जो एरर है उसे सुधारने की दिशा में पूरी प्रक्रिया दोबारा अपनाई जाएगी। देहरादून स्थित ज्ञान आईस्टाइन स्कूल के प्रिंसिपल प्रदीप गौड़ ने बताया कि सीबीएसई की इस पहल से बच्चों को काफी राहत मिलेगी। साथ ही किसी भी प्रकार की क्लेरिकल मिस्टेक की गुंजाइश भी नहीं रहेगी।

 

सॉफ्टवेयर अपडेट होने से बच्चों को खासा राहत मिलेगी। साथ ही मार्कशीट सुधारने के लिए पांच साल का समय देने का फैसला भी स्वागत योग्य है।

प्रदीप गौड़, प्रिंसिपल, ज्ञान आईस्टाइन स्कूल