- कैंपस या हॉस्टल में छेड़खानी की घटनाएं रोकने के लिए उठाया कदम

- स्टेट के कॉलेजेस में लगेंगे सर्विलांस रिकार्डिग कैमरे

- एक माह के भीतर कैमरे लगाने का दिया गया है निर्देश

-पन्द्रह दिन तक स्टोर करके रखनी होगी फुटेज

-क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों की भी जवाबदेही तय

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: कैम्पस में छात्राओं से होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं पर यूं तो खूब हंगामा बरपता है। लेकिन जब दोषी को दंड देने की बात आती है तो वह तमाम तरह के दांवपेंच का इस्तेमाल करके बच निकलता है। परिणाम स्वरुप आफिसर्स तो हाथ मलते रह जाते हैं। पीडि़ता भी कुछ कर पाने में अक्षम साबित होती है। ऐसा न हो इसके लिए शासन स्तर से एक ठोस पहल की गई है। जिसके रिजल्ट्स भी आने वाले दिनों में देखने को मिलेंगे।

एविडेंस इकट्ठा करना होता है चैलेंज

देखने में आया है कि कॉलेज कैम्पस में छात्राओं संग होने वाली दु‌र्व्यवहार की घटनाओं के बाद सुबूत इकट्ठा करना ही बड़ा चैलेंज होता है। शुरुआत में भले ही घटनाक्रम के आरोपी पर शिकंजा कस दिया जाए। लेकिन बाद में वह एविडेंस के अभाव में छूट ही जाता है। फ्यूचर में ऐसा न हो इसके लिए उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट ने स्टेट के सभी डिग्री कॉलेजेस को काफी सख्त दिशा निर्देश दिए हैं। बाकायदा इसके लिए मियाद भी तय कर दी गई है।

कैम्पस व हॉस्टल दोनों जगह लगेंगे कैमरे

उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट के विशेष सचिव मुरली मनोहर लाल की ओर से डायरेक्टर हायर एजुकेशन को दिए गए डायरेक्शन में राजकीय महाविद्यालय, सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय एवं स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में सर्विलांस रिकार्डिग कैमरा लगवाने के लिए कहा गया है। विशेष सचिव ने अपने आदेश में कहा है कि ये कैमरे कॉलेज कैम्पस, प्रवेश द्वार, हॉस्टल समेत सभी संवेदनशील जगहों पर लगवाना सुनिश्चित किया जाए।

दोषियों पर शिकंजा कसना होगा आसान

छात्राओं संग होने वाली घटनाओं को लेकर शासन की संजीदगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सभी जगहों पर एक माह के भीतर कैमरे लगवाने के लिए कहा गया है। यही नहीं किसी भी घटना की गवाह फुटेज को सुरक्षित रखा जा सके, इसका भी खास ख्याल रखा गया है। कहा गया है कि किसी भी फुटेज को कम से कम पन्द्रह दिनों तक जरूर स्टोर करके रखा जाए। जिससे दोषियों पर शिकंजा कसा जा सके। इसमें कोई कोताही न बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

बीच बीच में होगा औचक निरीक्षण

उधर, योजना को सफलतापूर्वक अमली जामा पहनाने के लिए आफिसर्स की भी जवाबदेही तय कर दी गई है। प्रदेश के समस्त उच्च शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि वे समय समय पर इसकी मानिटरिंग करते रहें। यही नहीं रीजनल आफिसर्स को प्रत्येक माह अपने अपने एरिया में आने वाले कॉलेजेस का औचक निरीक्षण भी करना होगा और बाकायदा इसकी रिपोर्ट शासन को अपने अनुमोदन के साथ भेजनी होगी। इसमें लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही का भी प्रावधान किया गया है।