इलाज के लिए अब जरूरी नहीं होगा झारखंड से बाहर जाना
इलाज के लिए अब जरूरी नहीं होगा झारखंड से बाहर जाना
Now no need to go out of state for better treatment
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Ranchi : लंबे इंतजार के बाद फ्राइडे को रिम्स की सुपरस्पेशियलिटी बिल्डिंग का तोहफा झारखंड की जनता को मिला। पीएमएसएसवाई स्कीम के तहत बनी रिम्स के इस सुपरस्पेशियलिटी बिल्डिंग का इनॉगरेशन झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और सेंट्रल मिनिस्टर जयराम रमेश ने देर शाम 7.12 बजे किया। इस मौके पर सेंट्रल मिनिस्टर जयराम रमेश और सीएम हेमंत सोरेन ने वहां मौजूद लोगों को अड्रेस किया। मौके पर झारखंड के हेल्थ सेक्रेटरी बीके त्रिपाठी ने कहा कि अभी सुपरस्पेशियलिटी सर्विसेज के लिए स्टेट से बड़ी संख्या में पेशेंट्स बाहर जाते हैं। रिम्स सुपरस्पेशियलिटी विंग के इनॉगरेशन के बाद उनका स्टेट से बाहर जाना रुकेगा। रिम्स के डायरेक्टर तुलसी महतो ने कहा कि हमारे यहां चिकित्सा व्यवस्था इतनी उन्नत होनी चाहिए कि जैसे पुराकाल में भगवान गणेश के धड़ पर हाथी का सिर जोडऩे की सर्जरी की गई थी वैसी सर्जरी हो सके। गौरतलब है कि रिम्स की सुपरस्पेशियलिटी बिल्डिंग की लागत 120 करोड़ रुपए है और इसमें कार्डियोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, पेडियाट्रिक सर्जरी और कार्डियक सर्जरी जैसे डिपार्टमेंट्स हैं.
रिम्स के सुपरस्पेशियलिटी डिपार्टमेंट का कार्डियोलॉजी विंग टेक्निकली काफी एडवांस्ड है। यहां पेशेंट्स के लिए बेड कॉलिंग फैसिलिटी है। वहीं, यहां 34 बेड के लिए जो 34 मॉनीटर लगाए गए हैं, वे भी टचस्क्रीन हैं और इनमें पेशेंट्स की हर सेकेंड की एक्टिविटी रिकॉर्ड होती है। रिम्स के कार्डियक आईसीयू में लगे बेड्स भी अमेरिका से मंगाए गए हैं.
कैंसर पेशेंट्स के लिए आई है लीनियर एक्सीलरेटर मशीन
रिम्स के ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट में कैंसर के पेशेंट्स के ट्रीटमेंट के लिए करीब 8 करोड़ की लागत से लीनियर एक्सीलरेटर मशीन भी मंगा ली गई है। हालांकि, इसे अभी इंस्टॉल नहीं किया गया है। इससे पहले रिम्स के न्यूरोसर्जरी डिपार्टमेंट में लेटेस्ट मशीनें लगाई गई हैं, जिनसे न्यूरोसर्जरी में मदद मिलेगी। डॉ तुलसी महतो ने बताया कि रिम्स में जल्द ही एक 50 बेड का लेटेस्ट ट्रॉमा सेंटर खुलेगा और एक कैंटीन भी, जिससे रिम्स के डॉक्टर और स्टूडेंट्स को फायदा हो सकेगा.
टेक्निकली काफी एडवांस्ड है कार्डियोलॉजी विंग
रिम्स के सुपरस्पेशियलिटी डिपार्टमेंट का कार्डियोलॉजी विंग टेक्निकली काफी एडवांस्ड है। यहां पेशेंट्स के लिए बेड कॉलिंग फैसिलिटी है। वहीं, यहां 34 बेड के लिए जो 34 मॉनीटर लगाए गए हैं, वे भी टचस्क्रीन हैं और इनमें पेशेंट्स की हर सेकेंड की एक्टिविटी रिकॉर्ड होती है। रिम्स के कार्डियक आईसीयू में लगे बेड्स भी अमेरिका से मंगाए गए हैं।
कैंसर पेशेंट्स के लिए आई है लीनियर एक्सीलरेटर मशीन
रिम्स के ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट में कैंसर के पेशेंट्स के ट्रीटमेंट के लिए करीब 8 करोड़ की लागत से लीनियर एक्सीलरेटर मशीन भी मंगा ली गई है। हालांकि, इसे अभी इंस्टॉल नहीं किया गया है। इससे पहले रिम्स के न्यूरोसर्जरी डिपार्टमेंट में लेटेस्ट मशीनें लगाई गई हैं, जिनसे न्यूरोसर्जरी में मदद मिलेगी। डॉ तुलसी महतो ने बताया कि रिम्स में जल्द ही एक 50 बेड का लेटेस्ट ट्रॉमा सेंटर खुलेगा और एक कैंटीन भी, जिससे रिम्स के डॉक्टर और स्टूडेंट्स को फायदा हो सकेगा।
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