- घर बात कर सकेंगे कैदी, हर जेल में होगा दो पीसीओ

- अब दो की जगह चार घंटे तक अपनों से मुलाकात कर सकेंगे बंदी

- रिहा होंगे 60 साल से अधिक उम्र के दो हजार कैदी

LUCKNOW: शनिवार को विधानसभा में जेल विभाग का बजट पेश किया गया। बजट में जेल की तस्वीर बदलने की कोशिश की गयी है। साढ़े 12 अरब रुपये के बजट में जेल की पूरी तस्वीर चेंज करने का दावा किया गया है। कारागार मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया ने बजट पेश करते हुए कहा कि अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे जेल मैनुअल को बदल कर नया मैनुअल प्रदेश की जेलों में लागू किया जाएगा। खास बात यह है कि कैदियों से मुलाकात के दौरान अब कोई दीवार नहीं होगी।

बुजुर्ग होंगे रिहा

यह काम 30 सितंबर तक पूरा करने का प्लान है। उन्होंने कहा कि जेल में मुलाकातियों के लिए लगाई गई सारी जालियों को काट कर हटा दिया जाएगा। साथ ही जेल में मुलाकात अब हफ्ते में दो दिन से बढ़ाकर तीन दिन की जाएगी। वहीं पहली अप्रैल से मुलाकात की अवधी दो घंटे से बढ़ाकर चार घंटे की जाएगी। रामू वालिया ने बताया कि 60 साल से अधिक उम्र के दो हजार कैदियों को रिहा करने का सरकार ने फैसला किया है जिनपर संगीन केस रजिस्टर नहीं हैं। इनकी रिहाई 30 जुलाई तक सुनिश्चित की जाएगी।

बढ़ाई जाएगी जेलों की क्षमता

बजट पेश करते हुए रामू वालिया ने बताया कि यूपी की जेलों में बंदी क्षमता 52 हजार 572 है जबकि यहां की जेलों में लगभग 90 हजार कैदी बंद हैं। प्रदेश में नौ नयी जेलों का निर्माण कराया जा रहा है। जिससे जेलों में कैदियों की क्षमता 70 हजार से अधिक हो जाएगी।

हर जेल में दो पीसीओ

रामू वालिया ने बताया कि कैदियों को अपने परिजनों से बात करने के लिए हर जेल में दो पीसीओ की व्यवस्था की जाएगी। हर एक कैदी एक बार में पांच मिनट और एक हफ्ते में दो बार अपने परिजनों से बात कर सकता है। इस दौरान होने वाली बात को रिकार्ड किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जेलों में बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हर जेल में आठ डॉक्टर्स तैनात किये जाएंगे। वहीं लंदन की संस्था रोको कैंसर के सहयोग से पांच जिलों की जेलों में कैदियों को मुफ्त इलाज मुहैय्या कराने का फैसला भी सरकार ने लिया है। उन्होंने बजट के दौरान कहा कि जेलों में कैदियों के लिए बंदी रक्षकों में से नाई की भी भर्ती की जायेगी। इस बार जेल विभाग का कुल बजट 12 अरब 56 करोड़ 88 लाख 29 हजार का है।

नंबर गेम

12 अरब रुपये के बजट से बदलेगी जेल की तस्वीर

52 हजार कैदियों को यूपी की जेलों में रखने की क्षमता

90 हजार से अधिक बंदी फिलहाल सलाखों के हैं पीछे