एक्सक्लूसिव

- तीन वीक के इंडक्शन में नए स्टूडेंट्स को सोसाइटी और नेचर के प्रति जिम्मेदारियों का कराया जाएगा अहसास

- आईआईटी बीएचयू में जबरस्दस्त फीडबैक के बाद सभी आईआईटी में इंडक्शन प्रोग्राम चलाने के प्रस्ताव पर मुहर

KANPUR: न्यू एकेडमिक सेशन से देश की सभी आईआईटी में अहम बदलाव होंगे। अभी तक नए स्टूडेंट्स के लिए आईआईटी में दो से 7 दिन तक ओरियंटेशन प्रोग्राम चलाया जाता है। नए सेशन से ओरियंटेशन की जगह तीन वीक का इंडक्शन प्रोग्राम कराया जाएगा। इस पूरे प्रोग्राम में स्टूडेंट्स को क्लासेस से दूर रखा जाएगा। इंडक्शन प्रोग्राम में स्टूडेंट्स को बताया जाएगा कि सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि देश और समाज के लिए भी बहुत कुछ करना है।

आईआईटी काउंसिल का ग्रीन सिग्नल

आईआईटी बीएचयू इंडक्शन प्रोग्राम का लागू करने वाली पहली आईआईटी बन गई है। बीएचयू में चालू सेशन में पहली बार इस तरह का प्रोग्राम आयोजित किया गया। आईआईटी बीएचयू के डायरेक्टर प्रो। राजीव संगल ने बताया कि तीन वीक के इस प्रोग्राम में किसी भी दिन एकेडमिक क्लास नहीं कराई गई। स्टूडेंट्स का जबरदस्त फीडबैक देखते हुए आईआईटी बीएचयू के डायरेक्टर ने इसका प्रजेंटेशन एमएचआरडी व आईआईटी काउंसिल को दिया। प्रजेंटेशन को देखने के बाद आईआईटी काउंसिल ने डायरेक्शन दिए कि अब आईआईटी में ओरियंटेशन प्रोग्राम की जगह इंडक्शन प्रोग्राम आयोजित किए जाएंगे।

इन चीजों पर रहेगा फोकस

आईआईटी के ओरियंटेशन प्रोग्राम में स्टूडेंट्स को कैंपस, इन्फ्रास्ट्रक्चर और सिलेबस की जानकारी दी जाती है जबकि इंडक्शन प्रोग्राम में सोसाइटी, नेचर और देश के प्रति उनकी जिम्मेदारी का अहसास कराया जाएगा। इंडक्शन के दौरान स्टूडेंट्स को सुबह 6 बजे उठाकर मैदान में खेलने के लिए भेज दिया जाता है। खेलने के बाद उन्हें ब्रेक फास्ट दिया जाता है। नये छात्रों को म्यूजिक, डांस, स्कपल्चर में किसी एक को चुनने का अवसर दिया जाता है। तीन वीक तक डेली स्टूडेंट्स को दो घंटे तक अपनी हॉबी पर रियाज करना होता है। स्टूडेंट्स को कई अहम मुद्दों पर डिस्कशन कराया जाता है। यह मुद्दे डेली लाइफ से जुडे़ होते हैं। इसमें करप्शन, ऑनेस्टी, ग्रेटीट्यूट, ऑनर, रिलेशन, ट्रस्ट जैसे सब्जेक्ट शामिल किए जाते हैं।

प्रेशर से निपटने के सीखेंगे गुर

इंडक्शन प्रोग्राम के तहत स्टूडेंट्स को मेंटली प्रिपेयर किया जाता है कि ब्रांडेड के हौव्वे से कैसे बचना है। फिर चाहे ब्रांडेड कपड़े हों या मोबाइल या फिर इलेक्ट्रानिक गैजेट्स। सहजता और मानवीय मूल्यों के बारे में भी एक्सपर्ट बच्चों को नॉलेज देते हैं। स्टूडेंट्स से कहा जाता है कि योगा या फिर स्पो‌र्ट्स में किसी एक को एकेडमिक के साथ-साथ जारी रखें।

मंडी व पटना ने अपनाया

आईआईटी बीएचयू के डायरेक्टर ने बताया कि एक ग्रुप में बीस स्टूडेंट्स को रखा गया है। हर स्टूडेंट से इंडक्शन प्रोग्राम का फीडबैक लिया गया। सभी ग्रुप की रिपोर्ट एक दूसरे से शेयर की गई। इंडक्शन प्रोग्राम में आईआईटी बीएचयू के करीब 70 प्रोफेसर्स की टीम ने जबरदस्त मेहनत की थी। आईआईटी मंडी और आईआईटी पटना ने भी इंडक्शन प्रोग्राम के इस कॉन्सेप्ट को अडॉप्ट किया है।